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SIP स्टॉपेज रेशियो ऑल-टाइम हाई पर, अब क्या करें निवेशक?

फरवरी 2025 में SIP स्टॉपेज रेशियो 123% के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया, यानी हर 100 नए SIP पर 123 बंद हो गए। यह लगातार दूसरा महीना है जब नए SIP से ज्यादा SIP बंद हो रहे हैं। जनवरी में यह रेशियो 109% था। आइए जानते हैं कि SIP स्टॉपेज रेशियो बढ़ने की क्या वजह है और निवेशकों को क्या करना चाहिए?

अपडेटेड Mar 21, 2025 पर 6:20 PM
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SIP स्टॉपेज रेशियो बढ़ने के बावजूद, फरवरी में SIP इनफ्लो ₹25,999 करोड़ रहा

SIP Stoppage Ratio: Systematic Investment Plan (SIP) स्टॉपेज रेशियो फरवरी 2025 में 123% के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया। इसका मतलब यह है कि हर 100 नए SIP रजिस्ट्रेशन के मुकाबले 123 SIP या तो बंद कर दिए गए या फिर उनकी अवधि पूरी हो गई। यह लगातार दूसरा महीना है जब नए SIP से ज्यादा SIP बंद हो रहे हैं। जनवरी में यह रेशियो 109% था। वहीं, दिसंबर में यह काफी कम था, करीब 83%।

SIP स्टॉपेज रेशियो क्या होता है?

SIP स्टॉपेज रेशियो वह अनुपात है, जो बताता है कि किसी महीने में शुरू किए गए नए SIP के मुकाबले कितने SIP बंद या पूरे हुए। अगर यह रेशियो ज्यादा होता है, तो इसका मतलब यह है कि निवेशक नए SIP शुरू करने के बजाय ज्यादा SIP रोक रहे हैं।


निवेशक SIP क्यों रोक रहे हैं?

पिछले छह महीनों में बाजार में गिरावट देखी गई है। Nifty 50 में 11% और BSE Sensex में 10% की गिरावट आई है। इससे कई निवेशकों का हौसला पस्त हो गया। बहुत से निवेशक SIP पर एक साल का नेगेटिव रिटर्न देखते हैं, तो वे अक्सर SIP रोक देते हैं।

Sanctum Wealth के इन्वेस्टमेंट हेड आलेख यादव ने बताया, 'इस ट्रेंड का अंदेशा पहले से था। निवेशक SIP पर नुकसान देखते ही इसे रोकने का फैसला कर लेते हैं। हालांकि, बाजार अब अपने पीक से काफी करेक्शन झेल चुका है और वैल्यूएशन ज्यादा संतुलित हो गए हैं। इसलिए निवेशकों को SIP जारी रखना चाहिए। मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में अभी और गिरावट आ सकती है। शॉर्ट-टर्म निवेशकों को इनमें निवेश करने से पहले इंतजार करना चाहिए।"

SIP इनफ्लो पर क्या पड़ा असर?

SIP स्टॉपेज रेशियो बढ़ने के बावजूद, फरवरी में SIP इनफ्लो ₹25,999 करोड़ रहा, जो जनवरी के ₹26,400 करोड़ से थोड़ा कम है। फरवरी में कुल 44.56 लाख एक्टिव SIP खाते थे, जबकि 54.70 लाख SIP बंद कर दिए गए।

AMFI (एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया) के सीईओ वेंकट चलसानी ने कहा,"हालिया करेक्शन के बावजूद भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री निवेशकों की मजबूत भागीदारी दिखा रही है। मार्केट में उतार-चढ़ाव जरूर है, लेकिन ₹40,063 करोड़ का नेट इनफ्लो दिखाता है कि निवेशकों का भरोसा बरकरार है।"

क्या SIP रोक देनी चाहिए?

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेशकों को SIP जारी रखनी चाहिए, खासकर लार्ज-कैप फंड्स में, क्योंकि बाजार अब ज्यादा संतुलित वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है। हालांकि, मिड और स्मॉल-कैप फंड्स में अभी करेक्शन की आशंका है, इसलिए शॉर्ट-टर्म निवेशकों को इनमें निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।

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