Sovereign Gold Bond : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB 2023-24 सीरीज II) की दूसरी किश्त 11 सितंबर को पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने जा रही है। निवेशकों के पास 15 सितंबर तक सस्ता सोना खरीदने का मौका होगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की इश्यू प्राइस 5923 रुपए 10 प्रति ग्राम तय की है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी किश्त सरकार की ओर से आरबीआई द्वारा जारी की जाएगी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2023-24 सीरीज 2 बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित पोस्ट ऑफिस और NSE और BSE यानी कि मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से बेची जाएगी।
इन निवेशकों को मिलेगी छूट
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से उन निवेशकों को इश्यू प्राइस से 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला किया है जो ऑनलाइन अप्लाई करते हैं और पेमेंट डिजिटल मोड के माध्यम से करते हैं।"
सॉवरेन गोल्ड बांड क्या हैं?
यह सरकार की ओर से शुरू की गई एक खास पहल है। सरकार की इस योजना के तहत बाजार से कम कीमत पर सोने में निवेश किया जा सकता है। यह सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली योजना है। निवेशकों को इश्यू प्राइस कैश में चुकाना होगा और मैच्योरिटी पर बांड कैश में भुनाए जाएंगे। एसजीबी सरकार की ओर से आरबीआई द्वारा जारी किए जाते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बांड से जुड़ी जरूरी बातें
केवल रेसिडेंट इंडिविजुअल, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF), ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन ही सॉवरेन गोल्ड बांड खरीद सकते हैं। SGB की आठ साल की होल्डिंग अवधि होती है, जिसमें 5वें साल के बाद समय से पहले रिडम्पशन का विकल्प होता है। एक शख्स एसजीबी में कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकता है, जबकि मैक्सिमम लिमिट इंडिविजुअल के लिए 4 किलोग्राम, HUF के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्ट और समान एंटिटी के लिए प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) 20 किलोग्राम है। ज्वाइंट होल्डर के मामले में 4 किलोग्राम की इन्वेस्टमेंट लिमिट केवल पहले आवेदक पर लागू होगी।
निवेशकों को हर साल फिक्स्ड 2.50 फीसदी की ब्याज दर प्रदान की जाती है, जिसका भुगतान हर 6 महीने में होता है। नो-यूअर-कस्टमर से जुड़े नियम फिजिकल गोल्ड की खरीद के समान होंगे। एसजीबी का इस्तेमाल लोन के लिए गिरवी के रूप में किया जा सकता है। SGB पर ब्याज इनकम टैक्स एक्ट 1961 (1961 का 43) के प्रावधान के अनुसार टैक्सेबल होगा।