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Tax Planning: FY 2022 में टैक्स-सेविंग के लिए 31 मार्च से पहले कर लें इनवेस्टमेंट

अगर आपने 80सी के तहत पूरा इनवेस्ट कर लिया है तो आप एनपीएस में अतिरिक्त 50,000 रुपये इनवेस्ट कर सेक्शन 80सीसीजी1बी के तहत डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। थोड़ा रिस्क लेने वाले इनवेस्टर्स के लिए म्यूचुअल फंड की ईलएसएस स्कीम सही है

अपडेटेड Mar 04, 2022 पर 5:42 PM
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अगर आपका पीपीएफ अकाउंट है तो चेक कर लें कि आपने उसमें इनवेस्ट किया है या नहीं। हर साल पीपीएफ में कम से कम 500 रुपये का कंट्रिब्यूशन जरूरी है।

क्या आपने वित्त वर्ष 2021-22 में टैक्स सेविंग (Tax Saving) के लिए पर्याप्त इनवेस्टमेंट कर लिया है? आपको एक बार इसकी जांच कर लेनी चाहिए। अगर आपने पूरा इनवेस्टमेंट नहीं किया है तो 31 मार्च से पहले कर सकते हैं। उसके बाद नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो जाएगा। हम आपको इस काम में मदद कर रहे हैं।

आपको यह देखना होगा कि आपने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी (Section 80C) का पूरा इस्तेमाल किया है या नहीं। इस सेक्शन के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक का इनवेस्टमेंट कर टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है। इसके तहत पीपीएफ (PPF), सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS), लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, एनएससी, दो बच्चों की ट्यूशन फीस, सुकन्या समृद्धि योजना और म्यूचुअल फंड की टैक्स सेविंग्स स्कीम्स आती हैं। अगर आपने होम लोन लिया है तो उसका प्रिंसिपल भी इस सेक्शन के दायरे में आएगा।

एक बार चेक कर लें कि आपने सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की लिमिट का इस्तेमाल कर लिया है। अगर आपका इनवेस्टमेंट इस लिमिट से कम है तो बाकी निवेश आप 31 मार्च से पहले कर दें। मुंबई की सर्टिफायड फाइनेंशियल प्लानर पारुल माहेश्वरी ने कहा, "यह देखना सही है कि आपने कितना इनवेस्ट किया है। आपने जितना इनवेस्टमेंट किया है, उतने पर ही आपको डिडक्शन मिलेगा। इससे आपकी कुल टैक्स लायबिलिटी घट जाएगी।"


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अगर आपका पीपीएफ अकाउंट है तो चेक कर लें कि आपने उसमें इनवेस्ट किया है या नहीं। हर साल पीपीएफ में कम से कम 500 रुपये का कंट्रिब्यूशन जरूरी है। अगर आपने सुकन्या समृद्धि योजना ली है तो इसमें भी साल में न्यूनतम कंट्रिब्यूशन जरूरी है। इसमें कम से कम 250 रुपये कंट्रिब्यूट करना होगा। अगर आपके लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम बाकी है तो उसे आप चुका सकते हैं। इससे आपकी पॉलिसी जारी रहेगी और डिडक्शन का भी फायदा मिलेगा।

हां, जल्दबाजी में आपको टैक्स बचाने के लिए होम लोन लेने या ट्रेडिशनल लाइफ इश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की जरूरत नहीं है। ये लंबी अवधि के कमिटमेंट्स होते हैं। इसलिए सोचसमझ कर ही इनके बारे में फैसला करना ठीक है। ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज मठपाल ने कहा, "अगर आप जल्दबाजी में हैं तो आप एनएससी और म्यूचुअल फंड की टैक्स सेविंग्स स्कीम में इनवेस्ट कर सकते हैं।"

अगर आपने 80सी के तहत पूरा इनवेस्ट कर लिया है तो आप एनपीएस में अतिरिक्त 50,000 रुपये इनवेस्ट कर सेक्शन 80सीसीजी1बी के तहत डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। थोड़ा रिस्क लेने वाले इनवेस्टर्स के लिए म्यूचुअल फंड की ईलएसएस स्कीम सही है। लेकिन, चूंकि यह इनवेस्टमेंट शेयर्स से जुड़ा है, जिससे कई निवेशक इसमें जोखिम देख सकते हैं।

मेडिक्लेम पॉलिसी खरीदने पर सालाना 25,000 रुपये खर्च कर टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है। आप खुद, बच्चों और पत्नी के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी खरीद सकते हैं। इसके 25,000 रुपये तक के प्रीमियम पर आपको टैक्स छूट मिलेगी। सीनियर सिटीजन के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी खरीदने के लिए सालाना 50,000 रुपये के प्रीमियम पर डिडक्शन की इजाजत है।

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