अगर आप मैच्योरिटी से पहले लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो आपको पहले के मुकाबले ज्यादा रकम वापस मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक सरेंडर वैल्यू पर IRDAI नया प्रस्ताव लेकर आया है। इसमें सरेंडर वैल्यू को बढ़ाकर 82 परसेंट करने का प्रस्ताव है। मौजूदा सरेंडर वैल्यू करीब 30 फीसदी बनता है। वैसे पिछले साल भी IRDAI सरेंडर वैल्यू को बढ़ाने का एक प्रस्ताव लेकर आया था। लेकिन इंडस्ट्री के विरोध के बाद उसे लागू नहीं किया गया था। नए प्रस्ताव पर लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को कल तक अपनी राय देनी है।
रेगुलेटर IRDAI का सरेंडर वैल्यू पर नए फ्रेमवर्क का प्रस्ताव रखा है। सूत्रों के मुताबिक इसमें पॉलिसी होल्डर्स को ऊंची गारंटीड वैल्यू का प्रस्ताव है। इसमें पॉलिसी होल्डर्स स्पेशल सरेंडर वैल्यू का भी ऑप्शन है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें मार्च के मुकाबले ज्यादा सरेंडर वैल्यू का प्रस्ताव है।
सूत्रों के मुताबिक सरेंडर वैल्यू पर IRDAI के नए प्रस्ताव में कहा गया है कि स्पेशल सरेंडर वैल्यू यानी SSV वैल्यू बढ़ाना चाहिए। पेड-अप सम अश्योर्ड के मौजूदा वैल्यू के बराबर SSV मिलना चाहिए। साथ ही पेड-अप फ्यूचर बेनेफिट के मौजूदा वैल्यू का SSV मिलना चाहिए। 10 साल की G-Sec पर ब्याज के हिसाब से मौजूदा वैल्यू की गणना होनी चाहिए। पहले पॉलिसी साल से ही स्पेशल सरेंडर वैल्यू मिलनी चाहिए।
हेल्थ इंश्योरेंस कराने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर
इस बीच हेल्थ इंश्योरेंस कराने वाले लोगों के लिए भी अच्छी खबर है। अब इश्योरेंश कंपनियों को कैशलेस क्लेम की मंजूरी एक घंटे के अंदर देनी जरूरी होगी। सिर्फ इतना ही नहीं हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के 3 घंटे के अंदर अंतिम अप्रूवल देना होगा। इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने एक सर्कुलर जारी कर इंश्योरेंश कंपनियों को ये निर्देश दिया है।
मोटर इंश्योरेंस की तर्ज पर हेल्थ इंश्योरेंस में भी नो-क्लेम का फायदा मिलेगा। IRDAI ने कहा है कि हेल्थ पॉलिसी रिन्यूअल के समय नो-क्लेम बोनस /डिस्काउंट मिलना चाहिए। प्रीमियम कम करें या Sum Insured बढ़ा कर फायदा दें। हॉस्पिटल में मौत होने पर शव तुरंत परिजनों को देना होगा। क्लेम सेट्लमेंट के वक्त पॉलिसी होल्डर से दस्तावेज नहीं मांगे जाने चाहिए। इंश्योरेंस कंपनी और TPA को जरूरी दस्तावेज हॉस्पिटल से लेने होंगे। कंपनियों को 31 जुलाई 2024 तक नए निर्देश लागू करने होंगे।