FD Rates: क्या फिक्स्ड डिपॉजिट आपका इमरजेंसी फंड हो सकता है? ये सवाल एक बार जरूर सोचिये, क्योंकि टाइम से पहले एफडी से पैसा निकालने पर बैंक चार्ज काटता है। तो क्या सच में एफडी इमरजेंसी फंड है क्योंकि ये आपको हर समय नहीं मिलेगा। इमरजेंसी के के समय FD आपके लिए घाटे का सौदा भी बन सकती है।
समय से पहले इमरजेंसी पर निकालने पर हुआ बड़ा नुकसान
चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन कौशिक ने एक घटना शेयर की, जिसमें एक महिला को अपने ही FD से पैसे निकालने पर 25,000 रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। महिला के पास 4 FD थीं, जिनकी मैच्योरिटी में अभी डेढ़ साल से ज्यादा का समय बचा था। अचानक उसके पिता की तबीयत बिगड़ गई और सर्जरी के लिए तुरंत पैसे की जरूरत पड़ी। मजबूरी में उसने एफडी को समय से पहले तोड़ना पड़ा। यहीं पर समस्या खड़ी हो गई।
लगा पेनाल्टी चार्ज
बैंक ने प्रीमैच्योर विदड्रॉल पर कम ब्याज दर लागू की। 0.5%–1% का पेनल्टी चार्ज लगा दिया और साथ ही आने वाले दो साल की कंपाउंडिंग का फायदा भी खत्म हो गया। नतीजा यह हुआ कि महिला को कुल 25,000 रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
क्या एफडी है इमरजेंसी फंड
कौशिक के मुताबिक एफडी कैपिटल को सेफ रखने के लिए अच्छी है लेकिन इमरजेंसी फंड के लिए बिल्कुल सही विकल्प नहीं है। इसका कारण है कि यह तुरंत कैश में बदलना आसान नहीं। पेनल्टी से मुक्त नहीं है। साथ ही तुरंत लिक्विडेट करने के लिए डिजाइन नहीं की गई है।
एक्सपर्ट के मुताबिक इमरजेंसी फंड बनाने के लिए लिक्विड म्यूचुअल फंड या स्वीप-इन FD जैसे विकल्प बेहतर हैं। जिनसे बिना पेनाल्टी के जल्दी पैसे निकाले जा सकें। साथ ही कम से कम 6 महीने के खर्च जितनी रकम एक अलग इमरजेंसी सेविंग अकाउंट में रखनी चाहिए। इसमें ऑटो-डेबिट से नियमित सेविंग डालें और बैकअप के तौर पर मेडिकल क्रेडिट कार्ड या हेल्थ इंश्योरेंस टॉप-अप रखें। इमरजेंसी फंड का मकसद मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि सुकून पाना है। यानी जरूरत पड़ने पर बिना किसी एक्स्ट्रा नुकसान के तुरंत मदद मिलनी चाहिए।
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