क्या आपका इनकम टैक्स 10,000 रुपये से ज्यादा बना है? जानिए कैसे करना होगा एडवान्स टैक्स का कैलकुलेशन
अगर किसी टैक्सपेयर की नेट टैक्स लायबिलिटी (टीडीएस/टीसीएस एडजस्ट करने के बाद ) एक फाइनेंशियल ईयर में 10,000 रुपये से ज्यादा बनती है तो उसे एडवान्स टैक्स चुकाना जरूरी है
एडवान्स टैक्स का मकसद यह है कि टैक्सपेयर फाइनेंशिल ईयर खत्म होने के बाद एकमुश्त अमाउंट चुकाने की जगह एडवान्स में टैक्स चुकाता रहे।
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में अगर आपकी इनकम टैक्स लायबिलिटी 10,000 रुपये से ज्यादा है तो आपको 15 मार्च से पहले एडवान्स टैक्स (Advance Tax) चुकाना होगा। ऐसा नहीं करने पर आपको टैक्स पर इंट्रेस्ट भी देना पड़ेगा। सभी टैक्सपेयर्स चाहे सैलरीड हों या बिजनेस में, उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एडवान्स में टैक्स चुकाना पड़ता है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत सभी टैक्सपेयर्स को 'Pay as you earn' कॉन्सेप्ट के हिसाब से एडवान्स टैक्स चुकाना पड़ता है। TDS/TCS को एडजस्ट करने के बाद अगर नेट टैक्स 10,000 रुपये से ज्यादा बनता है तो टैक्सपेयर के लिए एडवान्स टैक्स चुकाना जरूरी है।
इसे एक उदाहरण की मदद से आसानी से समझा जा सकता है। मान लीजिए A एक टैक्सपेयर है, जिसका एक फाइनेंशियल ईयर में कुल 25,000 रुपये का टैक्स बनता है। उसकी सैलरी, बिजनेस या इंटरेस्ट इनकम पर TDS कटा है। टोटल टीडीएस अमाउंट 15,050 रुपये है। तो उसकी नेट टैक्स लायबिलिटी 9950 रुपये होगी। इसलिए उसे एडवान्स टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। दूसरी तरफ अगर TDS 14,950 रुपये है तो उसकी नेट टैक्स लायबिलिटी 10,050 रुपये हो जाती है। ऐसे में उसे एडवान्स टैक्स चुकाना होगा।
कैसा होता है एडवान्स टैक्स का कैलकुलेशन?
एडवान्स टैक्स का मकसद यह है कि टैक्सपेयर फाइनेंशिल ईयर खत्म होने के बाद एकमुश्त अमाउंट चुकाने की जगह एडवान्स में टैक्स चुका दे। इसके कैलकुलेशन के लिए मौजूदा ईयर में इनकम और उस पर टैक्स रेट का अनुमान लगाया जाता है। इसके बाद जो टैक्स बनता है, उसमें से TDS/TCS और MAT क्रेडिट को एडजस्ट किया जाता है। फिर आपकी नेट टैक्स लायबिलिटी का अमाउंट मिल जाता है।
एडवान्स टैक्स का पेमेंट हर तिमाही किस्त में करना जरूरी है। इसके लिए पूरे साल के लिए तारीख पहले से तय है। आखिरी पेमेंट के लिए 15 मार्च की तारीख तय है।
एडवान्स टैक्स और चुकाए जाने वाले अमाउंट के लिए तय तारीख
तय तारीख
एडवान्स टैक्स अमाउंट का हिस्सा फीसदी में
गर TDS/TCS और MAT एडजस्ट करने के बाद आपकी नेट टैक्स लायबिलिटी 1 लाख रुपये आती है
15 जून
15%
15,000 रुपये चुकाना होगा
15 सितंबर
45%
30,000 रुपये चुकाना होगा (कुल चुकाया गया टैक्स 45000 रुपये)
15 दिसंबर
75%
30,000 रुपये चुकाए (कुल चुकाया गया टैक्स 45000 रुपये)
15 मार्च
100%
25,000 रुपये चुकाए (कुल चुकाया गया टैक्स 45000 रुपये)
अगर आप सेक्क्शन 44AD/44ADA (Presumptive income for business or profession) को सेलेक्ट करते हैं तो आपको एडवान्स टैक्स का एक किस्त 15 मार्च को चुकानी होगी। 60 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजंस जो रेजिडेंट्स हैं और जिनकी बिजनेस या किसी प्रोफेशन से इनकम नहीं है तो उन्हें एडवान्स टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है।
एडवान्स टैक्स नहीं चुकाने या कम पेमेंट करने पर क्या होगा?
अगर आप तय तारीख पर टैक्स नहीं चुकाते हैं या देर से चुकाते हैं तो आपको नहीं चुकाए गए टैक्स पर इंटरेस्ट भी चुकाना होगा।
चूंकि एडवान्स टैक्स का पेमेंट अनुमान के आधार पर होता है, जिससे इस बात की संभावना होती है कि आपने तय अमाउंट से कम टैक्स चुकाया हो। ऐसी स्थिति में आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के वक्त टैक्स लायबिलिटी के फाइनल कैलकुलेशन के वक्त इंटरेस्ट चुकान होगा।
अगर आप किस्त का पेमेंट करना भूल जाते हैं तो अगर आप सेक्शन 234B के तहत कुछ इंटरेस्ट बचा सकते हैं। इसके लिए शर्त यह है कि आप फाइनेंशियल ईयर की 31 मार्च तक उस फाइनेंशियल ईयर की अपनी टैक्स लायबिलिटी का 90 फीसदी पेमेंट कर देते हैं।
एडवान्स टैक्स के कम पेमेंट पर इंटरेस्ट (सेक्शन 234B)
अगर टैक्सपेयर फाइनेंशियल ईयर के 31 मार्च से पहले अपनी कुल टैक्स लायबिलिटी के 90 फीसदी से कम पेमेंट करता है तो उसे एडवान्स टैक्स के कम पेमेंट पर इंटरेस्ट चुकाना होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से लगाया जाने वाला इंटरेस्ट रेट बहुत आसान है। यह हर महीने या महीने के हिस्से का 1 फीसदी है।
तिमाही एडवान्स टैक्स की किस्त के पेमेंट को नहीं चुकाने पर शॉर्ट पेमेंट पर इंटरेस्ट (सेक्शन 234C)
अगर टैक्सपेयर एडवान्स टैक्स के पेमेंट की तिमाही किस्त की तारीख (15th June, 15th September, 15th December और 15th March) को मिस कर जाता है इस सेक्शन के तहत इंटरेस्ट चुकाना होगा।
चूंकि कुल एडवान्स टैक्स लायबिलिटी का अनुमान लगाना मुश्किल है इसलिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 15 जून और 15 सितंबर की पहली दो किस्तों के मामले में रियायत देता है। अगर टैक्सपेयर ने पहली किस्त में एडवान्स टैक्स लायबिलिटी का 12 फीसदी तक और दूसरी किस्त में कुल लायबिलिटी का 36 फीसदी तक चुका देता है तो इंटरेस्ट नहीं देना पड़ता है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से लगाया जाने वाला इंटरेस्ट रेट हर महीने 1 फीसदी या महीने के हिस्से पर लगेगा। अगर टैक्सपेयर कोई किस्त चुकाने से चूक जाता है तो उसे पूरे पीरियड का इंटरेस्ट चुकाना होगा।
अगर सेक्शन 143(1) या एसेसमेंट के तहत रिटर्न की प्रोसेसिंग की वजह से इनकम में बदलाव होता है तो 143(1)/एसेस्ड टैक्स के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से किए गए कैलकुलेशन को माना जाएगा न कि इनकम टैक्स रिटर्न के हिसाब से।
एडवान्स इनकम टैक्स का पेमेंट
-अगर आप फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का एडवान्स टैक्स का पेमेंट कर रहे हैं तो आपको एसेसमेंट ईयर 2023-24 सेलेक्ट करना होगा। पेमेंट के टाइप में आपको एडवान्स टैक्स (100) सेलेक्ट करना होगा।
-आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर 'e-pay Tax Service' या Protean (NSDL) पोर्टल के इस्तेमाल से एडवान्स टैक्स का पेमेंट कर सकते हैं। यह टैक्सपेयर के बैंक अकाउंट पर निर्भर करता है जहां से टैक्स अमाउंट का पेमेंट होना है।
-E-फाइलिंग पोर्टल पर E-Pay Tax Service का इस्तेमाल : अगर बैंक अकाउंट स्पेशिफायड बैंक में है जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से नए मोड पर माइग्रेट किया गया है तो यह सुविधा उपलब्ध होगी। टैक्सपेयर को अपने PAN के इस्तेमाल से इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा। कुछ बैंक इस सर्विस के लिए पहले से माइग्रेट कर चुके हैं। इनमें Axis Bank, Bank of India, Bank of Maharashtra, Bank of Baroda, Canara Bank, Central Bank of India, City Union Bank, Federal Bank, ICICI Bank, IDBI Bank, Indian Bank, Indian Overseas Bank, IndusInd Bank, Jammu & Kashmir Bank, Karur Vysya Bank, Kotak Mahindra Bank, Punjab National Bank, UCO Bank Union Bank of India शामिल हैं।
-Protean(NSDL) पोर्टल का इस्तेमाल : अगर बैंक अकाउंट ऐसे बैंक में है जो 'e-pay Tax Service' के लिए इनेबल्ड नहीं है तो आपको चालान नंबर/ITNS 280 का इस्तेमाल करना होगा।
-आपको ऊपर बताए गए संबंधित पेमेंट ऑप्शंस का इस्तेमाल करना होगा।
(अभिषेक अनेजा CA हैं। वह इनकम टैक्स और पर्सनल फाइनेंस से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट हैं )