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ITR Filing 2024: एसेसमेंट ईयर 2024-25 में किसके लिए आईटीआर फाइलिंग जरूरी है, फाइल नहीं करने पर क्या होगा?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के लिए पहली शर्त व्यक्ति की सालाना इनकम है। अगर इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है तो रिटर्न फाइल करना होगा। इसके अलावा कुछ ऐसी स्थितियां हैं जिनके लागू होने पर आपको रिटर्न फाइल करना होगा

अपडेटेड Jun 24, 2024 पर 4:05 PM
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अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में 50 लाख रुपये या इससे ज्यादा डिपॉजिट है तो आपको रिटर्न फाइल करना होगा।

नौकरी शुरू करने वाले कई लोग इनकम टैक्स के नियमों के बारे में ठीक तरह से नहीं जानते हैं। उनके मन में यह सवाल चल रहता है कि उनके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है या नहीं। इसी तरह कई सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों के मन में यह सवाल चलता रहता है। ऐसे लोगों की उलझन दूर करने के लिए मनीकंट्रोल यह बता रहा है कि एसेसेमेंट ईयर 2024-25 में किसके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है।

बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट

इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने के लिए पहली शर्त व्यक्ति की इनकम है। इनकम टैक्स की नई रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 2.5 लाख रुपये है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की इनकम एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। यह शर्त ऐसे व्यक्ति के लिए जिसकी उम्र 60 साल तक या इससे कम है। अगर कोई व्यक्ति 60 से 80 साल की उम्र के दायरे में आता है तो उसे तभी रिटर्न फाइल करना होगा, जब उसकी इनकम 3 लाख रुपये से ज्यादा होगी। अगर व्यक्ति की उम्र 80 से ज्यादा है तो उसे तभी रिटर्न फाइल करना होगा अगर उसकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा होगी।


इनकम में क्या क्या शामिल है?

व्यक्ति की इनकम में सैलरी से होने वाली इनकम और हाउस प्रॉप्रटी से रेंट के रूप में होने वाली इनकम आती है। व्यक्ति को प्रॉपर्टी, म्यूचुअल फंड की यूनिट्स या शेयरों को बेचने से कैपिटल गेंस हो सकता है। व्यक्ति को बिजनेस या प्रोफेशनल एक्टिविटीज से इनकम हो सकती है। इंटरेस्ट, डिविडेंड, लॉटरी जैसे अन्य स्रोत से भी उसे इनकम हो सकती है।

इन स्थितियों में भी फाइल करना होगा रिटर्न

कुछ खास स्थितियां हैं, जिनमें अगर आपकी इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से कम है तो भी आपके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी हो सकता है। अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में 50 लाख रुपये या इससे ज्यादा डिपॉजिट है तो आपके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी होगा। इसी तरह आपके करेंट बैंक अकाउंट में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा डिपॉजिट है तो भी आपको रिटर्न फाइल करना होगा।

अगर आपने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये खर्च किया है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। अगर आपका इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो भी आपको रिटर्न फाइल करना होगा। अगर विदेश में आपकी प्रॉपर्टी है या इनकम है या विदेश में किसी अकाउंट में आपके पास साइनिंग अथॉरिटी है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा।

अगर किसी व्यक्ति को शेयर, म्यूचुअल फंड या किसी सिक्योरिटीज की बिक्री पर कैपिटल गेंस या लॉस हुआ है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। अगर आपको डिविडेंड मिला है तो भी रिटर्न फाइल करना होगा। अगर इनकम टैक्स अथॉरिटीज को TDS के जरिए ज्यादा टैक्स का पेमेंट हुआ तो भी रिफंड लेने के लिए आपको रिटर्न फाइल करना होगा।

रिटर्न फाइल नहीं करने पर क्या होगा?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने पर आपको पेनाल्टी और टैक्स पर इंटरेस्ट चुकाना होगा। 31 दिसंबर तक बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि आप 31 जुलाई के बाद लेकिन 31 दिसंबर तक बिलेटेड रिटर्न पेनाल्टी और टैक्स पर इंटरेस्ट चुकाकर फाइल कर सकते हैं। इस तारीख के बाद फाइल करने पर आपको ज्यादा पेनाल्टी चुकानी पड़ेगी। रिटर्न नहीं फाइल करने पर तीन महीने से लेकर दो साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है।

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