इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न फाइलिंग के लिए सभी आईटीआर फॉर्म्स इस महीने की शुरुआत में नोटिफाय कर दिए थे। इसके साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न सीजन की शुरुआत हो गई है। लेकिन, नौकरी करने वाले लोगों को तब तक इंतजार करना होगा, जब तक उन्हें फॉर्म 16 मिल नहीं जाता। एंप्लॉयर्स अपने एंप्लॉयीज को फॉर्म 16 इश्यू करते हैं। इसमें बीते वित्त वर्ष में एंप्लॉयीज की सैलरी इनकम, टीडीएस और टैक्स सेविंग्स पर मिला डिडक्शंस शामिल होते हैं। इसमें दी गई जानकारियों का इस्तेमाल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए होता है।
एंप्लॉयर्स के अगले महीने पहले या दूसरे हफ्ते में Form-16 इश्यू कर देने की उम्मीद है। 15 जून तक एंप्लॉयर्स के लिए सभी एंप्लॉयीज को फॉर्म-16 इश्यू करना अनिवार्य है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि नौकरी करने वाले लोगों को ITR फाइल करने की तैयारी अभी शुरू कर देनी चाहिए। यह इसलिए भी जरूरी है कि इस बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर फॉर्म्स में कुछ बदलाव किए हैं। टैक्स स्लैब्स में भी बदलाव हुआ है।
कौन कर सकता है फॉर्म-1 का इस्तेमाल?
इन बदलावों को एक उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। जैसे-पिछले साल तक ऑर्डिनरली रेजिडेंट सिर्फ तब आईटीआर-1 (सहज) फॉर्म का इस्तेमाल कर सकता था, जब उसकी इनकम के सोर्स में सिर्फ सैलरी/पेंशन, एक घर (प्रॉपर्टी), सेविंग्स/फिक्स्ड डिपॉजिट से इंटरेस्ट, डिविडेंड्स और 5,000 से कम का एग्रीकल्चरल इनकम शामिल थे। इस साल शेयरों और म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स को बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) हुआ है तो भी ITR फॉर्म-1 का इस्तेमाल किया जा सकता है। शर्त सिर्फ यह है कि वित्त वर्ष 2024-25 में यह एलटीसीजी 1.25 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
नौकरी करने वाले लोग आईटीआर फॉर्म-1 और आईटीआर फॉर्म-2 में से किसी एक का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि दोनों के बीच क्या फर्क है।
ITR फॉर्म से रिटर्न फाइल करना सबसे आसान
आईटीआर-1 को सहज फॉर्म भी कहा जाता है। नाम से ही जाहिर है कि यह इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए सबसे आसान फॉर्म है। इसका इस्तेमाल सैलरी या पेंशन पाने वाले ऐसे लोग कर सकते हैं, जिनकी इनकम के स्रोत सीमित हैं और इनमें कोई बहुत अलग स्रोत शामिल नहीं है। इस फॉर्म में व्यक्तिगत जानकारियां आपको पहले से भरी हुई दिख जाएंगी। इनकम की डिटेल और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस की जानकारियां भी इसमें पहले से भरी होंगी। टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ऐसा किया गया है।
इन बातों को ध्यान में रखने की जरूरत
आईटीआर फॉर्म-1 यानी सहज का इस्तेमाल ऐसे इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स कर सकते हैं, जिनकी इनकम 50,000,00 रुपये से ज्यादा नहीं है। इस इनकम में सैलरी/पेंशन, एक घर से इनकम, एग्रीकल्चरल इनकम, सेविंग/फिक्स्ड डिपॉजिट से इनकम, डिविडेंड और फैमिली पेंशन शामिल हो सकती है। इस साल से इस फॉर्म का इस्तेमाल ऐसे टैक्सपेयर्स भी कर सकते हैं, जिनका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (शेयर या म्यूचुअल फंड की बिक्री से) 1.25 लाख तक है।
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ITR-2 का इस्तेमाल कौन कर सकता है?
अगर किसी सैलरीड टैक्सपेयर की इनकम सालाना 50 लाख रुपये से ज्यादा है, कैपिटल गेंस (शेयर या एमएफ की बिक्री से) 1.25 लाख रुपये से ज्यादा है, टैक्सपेयर कंपनी में डायरेक्टर है, टैक्सपेयर के पास अनिलिस्टेड कंपनी के शेयर हैं, विदेश से इनकम हुई है, ईसॉप्स पर डिडक्शन या टैक्स के डेफर्ड किया गया है या उसने किसी इनकम हेड में लॉस को कैरी-फॉरवर्ड किया है तो उसे ITR-2 फॉर्म का इस्तेमाल करना होगा।