इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर फॉर्म-2 और आईटीआर फॉर्म-3 एक्टिवेट कर दिए हैं। अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए आईटीआर फॉर्म-2 और फॉर्म-3 का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इनकम टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर के अलग-अलग फॉर्म्स तय हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फॉर्म-2 और फॉर्म-3 की एक्सेल यूटिलिटीज लाइव हो जाने की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है।
इस साल रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 15 सितंबर
इससे पहले ऑनलाइन रिटर्न फाइलिंग के लिए सिर्फ आईटीआर-1 और आईटीआर-4 लाइव हुए थे। इस साल Income Tax Return फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है। आम तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होती है। लेकिन, पिछले साल यूनियन बजट में सरकार ने कैपिटल गेंस टैक्स सहित कई नियमों में बदलाव किया था। इसके हिसाब से इनकम टैक्स फॉर्म्स में बदलाव जरूरी था। जरूरी बदलाव के बाद डिपार्टमेंट संशोधित फॉर्म्स लाइव कर रहा है।
आईटीआर 2 किस तरह के टैक्सपेयर्स के लिए है
ITR-2 फॉर्म का इस्तेमाल ऐसे इंडिविजुअल्स और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिलीज (HUC) करते हैं, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम नहीं होती है। आम तौर पर इस फॉर्म का इस्तेमाल ऐसे टैक्सपेयर्स करते हैं, जिनकी इनकम सैलरी, पेंशन, कैपिटल गेंस जैसे स्रोतों से होती है। जिन लोगों को एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से इनकम है वे इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिन टैक्सपेयर्स को इनवेस्टमेंट या प्रॉपर्टी बेचने पर शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस या लॉस हुआ है वे इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर किसी टैक्सपेयर को लॉटरी या हॉर्स रेस जीतने से इनकम हुई है तो वह इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकता है। नॉन-रेजिडेंट या रेजिडेंट नॉन ऑर्डिनरिली आईटीआर फॉर्म 2 का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आईटीआर 3 किस तरह के टैक्सपेयर्स के लिए है
ITR फॉर्म 3 उन इंडिविजुअल और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए है जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से प्रॉफिट या लॉस हुआ है। इस फॉर्म का काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है, जिससे इसे मास्टर फॉर्म कहा जाता है। इस फॉर्म में हाउस प्रॉपर्टी से इनकम, सैलरी/पेंशन इनकम, कैपिटल गेंस और दूसरे स्रोत से हुई इनकम की जानकारी दी जा सकती है। अगर किसी पार्टनरशिप फर्म से इनकम हुई तो इस फॉर्म का इस्तेमाल किया जा सकता है।