ITR Filing 2025: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल पर लगातार आ रही तकनीकी गड़बड़ियों को लेकर टैक्स एक्सपर्ट्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि तकनीकी देरी और सख्त डेडलाइन के कारण वित्त वर्ष 2024-25 की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
इस हफ्ते कई प्रोफेशनल्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और टैक्स इन्फॉर्मेशन समरी (TIS) मंगलवार को डाउनलोड के लिए उपलब्ध ही नहीं थे। ये दोनों ही डॉक्यूमेंट सटीक रिटर्न फाइलिंग के लिए बेहद जरूरी हैं। बुधवार तक पोर्टल भी 'कछुए की चाल' से चल रहा था, जिससे टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स में नाराजगी बढ़ गई।
रिटर्न तैयार करने में दोगुना समय
मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने X पर पोस्ट किया, “टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स फिलहाल IT पोर्टल पर AIS और TIS एक्सेस नहीं कर पा रहे… @IncomeTaxIndia को ट्विटर पर इस एरर की जानकारी देनी चाहिए और बताना चाहिए कि इसे कब तक ठीक किया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि नए ITR फॉर्म्स टैक्सपेयर्स से पहले की तुलना में काफी ज्यादा डिटेल्स मांग रहे हैं, जिससे रिटर्न तैयार करने में दोगुना समय लग रहा है। जैसे कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA) क्लेम करने के लिए अब मकान मालिक का PAN, प्रॉपर्टी का पता और अन्य डिटेल्स सीधे ITR में भरनी होंगी। इसी तरह, इंश्योरेंस पर डिडक्शन के लिए अब पॉलिसी नंबर देना जरूरी हो गया है, जो पहले अनिवार्य नहीं था।
सभी तरह की डेडलाइन बढ़ाने की मांग
बुधवार को सीए हिमांक सिंगला ने सरकार से अपील की कि सिर्फ ITR फाइलिंग की डेडलाइन ही नहीं, बल्कि टैक्स ऑडिट, कंपनी लॉ ऑडिट/ROC फाइलिंग और GST एनुअल रिटर्न की डेडलाइन भी बढ़ाई जाए।
उन्होंने जोर देकर कहा, “ITR डेडलाइन बढ़नी चाहिए! टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़नी चाहिए! कंपनी लॉ ऑडिट/ROC डेडलाइन बढ़नी चाहिए! GST एनुअल फाइलिंग डेडलाइन बढ़नी चाहिए! इन सबका ऐलान पहले से होना चाहिए ताकि आखिरी वक्त की अफरातफरी से बचा जा सके।”
नॉन-ऑडिट केस के लिए ITR भरने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है, यानी टैक्सपेयर्स के पास अब सिर्फ एक महीने का वक्त बचा है। लेकिन प्रोफेशनल्स का कहना है कि यह समय काफी कम है, क्योंकि कई ITR यूटिलिटीज हाल ही में जारी की गई हैं। जैसे ITR-5 की यूटिलिटी 9 अगस्त को जारी हुई, जबकि ITR-6 और ITR-7 की ऑनलाइन यूटिलिटी अब भी लंबित है।
गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने औपचारिक रूप से समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि यूटिलिटी देर से जारी होने के कारण टैक्सपेयर्स के पास रिटर्न फाइल करने का असली समय बहुत कम बचा है। GCCI ने CBDT से ITR और टैक्स ऑडिट, दोनों की डेडलाइन बढ़ाने की अपील की है।
हालांकि सरकार पहले ही नॉन-ऑडिट इंडिविजुअल्स के लिए ITR डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर चुकी है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूटिलिटी देर से जारी होने के चलते इस राहत का फायदा लगभग खत्म हो गया है।
ITR पोर्टल में कैसी गड़बड़ियां हैं?
टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की साइट पर लगातार तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें कुछ खास परेशानियां नीचे दी गई हैं।