Credit Cards

ITR Filing 2025: ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियां, टैक्सपेयर्स परेशान; डेडलाइन बढ़ाने की मांग

ITR Filing 2025: आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल की गड़बड़ियों और देर से जारी यूटिलिटीज ने टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा समय सीमा पर्याप्त नहीं है और ITR, टैक्स ऑडिट व अन्य फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ाई जानी चाहिए। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Aug 16, 2025 पर 7:44 PM
Story continues below Advertisement
नॉन-ऑडिट केस के लिए ITR भरने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है।

ITR Filing 2025: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल पर लगातार आ रही तकनीकी गड़बड़ियों को लेकर टैक्स एक्सपर्ट्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि तकनीकी देरी और सख्त डेडलाइन के कारण वित्त वर्ष 2024-25 की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

इस हफ्ते कई प्रोफेशनल्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और टैक्स इन्फॉर्मेशन समरी (TIS) मंगलवार को डाउनलोड के लिए उपलब्ध ही नहीं थे। ये दोनों ही डॉक्यूमेंट सटीक रिटर्न फाइलिंग के लिए बेहद जरूरी हैं। बुधवार तक पोर्टल भी 'कछुए की चाल' से चल रहा था, जिससे टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स में नाराजगी बढ़ गई।

रिटर्न तैयार करने में दोगुना समय


मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने X पर पोस्ट किया, “टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स फिलहाल IT पोर्टल पर AIS और TIS एक्सेस नहीं कर पा रहे… @IncomeTaxIndia को ट्विटर पर इस एरर की जानकारी देनी चाहिए और बताना चाहिए कि इसे कब तक ठीक किया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा कि नए ITR फॉर्म्स टैक्सपेयर्स से पहले की तुलना में काफी ज्यादा डिटेल्स मांग रहे हैं, जिससे रिटर्न तैयार करने में दोगुना समय लग रहा है। जैसे कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA) क्लेम करने के लिए अब मकान मालिक का PAN, प्रॉपर्टी का पता और अन्य डिटेल्स सीधे ITR में भरनी होंगी। इसी तरह, इंश्योरेंस पर डिडक्शन के लिए अब पॉलिसी नंबर देना जरूरी हो गया है, जो पहले अनिवार्य नहीं था।

Six changes in income tax rules effective April 1. Plan wisely

सभी तरह की डेडलाइन बढ़ाने की मांग

बुधवार को सीए हिमांक सिंगला ने सरकार से अपील की कि सिर्फ ITR फाइलिंग की डेडलाइन ही नहीं, बल्कि टैक्स ऑडिट, कंपनी लॉ ऑडिट/ROC फाइलिंग और GST एनुअल रिटर्न की डेडलाइन भी बढ़ाई जाए।

उन्होंने जोर देकर कहा, “ITR डेडलाइन बढ़नी चाहिए! टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़नी चाहिए! कंपनी लॉ ऑडिट/ROC डेडलाइन बढ़नी चाहिए! GST एनुअल फाइलिंग डेडलाइन बढ़नी चाहिए! इन सबका ऐलान पहले से होना चाहिए ताकि आखिरी वक्त की अफरातफरी से बचा जा सके।”

ITR फाइल करने की डेडलाइन

नॉन-ऑडिट केस के लिए ITR भरने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है, यानी टैक्सपेयर्स के पास अब सिर्फ एक महीने का वक्त बचा है। लेकिन प्रोफेशनल्स का कहना है कि यह समय काफी कम है, क्योंकि कई ITR यूटिलिटीज हाल ही में जारी की गई हैं। जैसे ITR-5 की यूटिलिटी 9 अगस्त को जारी हुई, जबकि ITR-6 और ITR-7 की ऑनलाइन यूटिलिटी अब भी लंबित है।

गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने औपचारिक रूप से समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि यूटिलिटी देर से जारी होने के कारण टैक्सपेयर्स के पास रिटर्न फाइल करने का असली समय बहुत कम बचा है। GCCI ने CBDT से ITR और टैक्स ऑडिट, दोनों की डेडलाइन बढ़ाने की अपील की है।

हालांकि सरकार पहले ही नॉन-ऑडिट इंडिविजुअल्स के लिए ITR डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर चुकी है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूटिलिटी देर से जारी होने के चलते इस राहत का फायदा लगभग खत्म हो गया है।

ITR पोर्टल में कैसी गड़बड़ियां हैं?

टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की साइट पर लगातार तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें कुछ खास परेशानियां नीचे दी गई हैं।

  • ITR और टैक्स ऑडिट फॉर्म अपलोड करते समय सिस्टम एरर।
  • फॉर्म 26AS, AIS और TIS डेटा में गड़बड़ी, कई बार एक ही PAN के लिए अलग-अलग आंकड़े।
  • परफॉर्मेंस दिक्कतें, जैसे लॉगिन में स्लो रिस्पॉन्स, पेज टाइमआउट और पीक आवर्स में सेशन फेल होना।
  • यूटिलिटी कम्पैटिबिलिटी की समस्या, नए यूटिलिटी को स्थिर होने से पहले बार-बार फिक्स की जरूरत पड़ना।

यह भी पढ़ें : Zero ITR: टैक्स के दायरे में नहीं आते, तो भी फाइल करें जीरो ITR, मिलेंगे ये 8 शानदार फायदे

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।