कार खरीदते वक्त डीलर 1 फीसदी TCS काटता है, जानिए इस पैसे को क्लेम करने का क्या है तरीका

इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, 10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की गाड़ी पर डीलर के लिए 1 फीसदी टीसीएस काटना जरूरी है। डीलर व्हीकल की सेल वैल्यू का 1 फीसदी टीसीएस काटता है। फिर वह इस पैसे को सरकार के पास जमा करता है

अपडेटेड Dec 06, 2025 पर 4:02 PM
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अगर आपका टीसीएस और टीसीएस आपकी टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड इश्यू करेगा।

क्या आप कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं? अगर हां तो आपके लिए टीसीएस के इस नियम को जान लेना जरूरी है। ज्यादातर लोग इस नियम के बारे में नहीं जानते। इससे वे इस टीसीएस को अपने इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम नहीं करते। फिर उनका यह पैसा सरकार के पास रह जाता है। इस पैसे को क्लेम किया जा सकता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

नई कार पर टीसीएस का नियम

इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, 10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की गाड़ी पर डीलर के लिए 1 फीसदी TCS काटना जरूरी है। डीलर व्हीकल की सेल वैल्यू का 1 फीसदी टीसीएस काटता है। फिर वह इस पैसे को सरकार के पास जमा करता है। कार खरीदने वाले ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है। कई टैक्सपेयर पता होने के बावजूद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त इसे क्लेम करना भूल जाते हैं।


फॉर्म 26एस में कर सकते हैं चेक

टैक्सबडी के फाउंडर सुजीत बांगर ने कहा, "10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की कार बेचते वक्त डीलर के लिए टीसीएस काटना जरूरी है। आप आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पोर्टल पर लॉग-इन कर इसके बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। आपको पोर्टल से संबंधित फाइनेंशियल ईयर का फॉर्म 26एएस डाउनलोड करना होगा। डीलर की तरफ से काटा गया टीसीएस आपको नजर आएगा। आप इस पैसे को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त क्लेम कर सकते हैं। यह पैसा आपकी टैक्स लायबिलिटी के साथ एडजस्ट हो जाएगा।"

इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम करना होगा

उन्होंने कहा कि अगर आपका टीसीएस और टीसीएस आपकी टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड इश्यू करेगा। लेकिन, टीसीएस का यह रिफंड तभी आपके बैंक अमाउंट में आएगा या आपकी टैक्स लायबिलिटी के साथ एडजस्ट होगा, जब आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त इसे क्लेम करेंगे।

फॉर्म 26एएस में ये जानकारियां शामिल

फॉर्म 26एएस एक कंसॉलिडेटेड सालाना टैक्स स्टेटमेंट है, जिसमें आपके पैन से जुड़ा टैक्स से संबंधित हर ट्रांजेक्शन शामिल होता है। इसमें टीडीएस, टीसीएस, सेल्फ एसेसमेंट टैक्स, रिफंड इश्यूड और ज्यादा वैल्यू के ट्रांजेक्शन आते हैं। अगर डीलर ने टीसीएस का पैसा सरकार के पास डिपॉजिट किया है तो वह यहां दिखेगा।

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इन ट्राजेक्शंस पर भी लागू होता है टीसीएस

सिर्फ कार खरीदने पर टीसीएस लागू नहीं होता है। लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत फॉरेन रेमिटेंस के लिए पेमेंट, विदेशी टूर पैकेज और कुछ खास तरह के बिजनेस ट्रांजेक्शन पर भी टीसीएस लागू होता है। बांगर ने कहा कि टैक्सपेयर हर टीसीएस और टीडीएस की एंट्री फॉर्म 26एएस में चेक कर सकता है।

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