क्या आप पहली बार अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने जा रहे हैं? अगर हां तो आपको इसे इनकम टैक्स की वेबसाइट के जरिए इलेक्ट्रॉनिक मोड (e-filing) में करना होगा। हालांकि, सुपर सीनियर सिटीजंस यानी 80 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को रियायत उपलब्ध है। कुछ शर्तें पूरी होने पर वे अपना रिटर्न पेपर मोड में भी फाइल कर सकते हैं। बाकी सभी दूसरे लोगों के लिए इसे ऑनलाइन फाइल करना जरूरी है। ऑनलाइन फाइलिंग के लिए इनकम टैक्स e-Filing Portal पर आपका अकाउंट होना जरूरी है। ऑनलाइन आईटीआर फाइलिंग के लिए आपको https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ पर जाना होगा।
किसके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है?
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति की इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है तो उसके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में अगर आपकी सालाना इनकम 2.5 लाख से ज्यादा है और आपकी उम्र 60 साल या इससे कम है तो आपके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है। 61 से 80 साल तक के व्यक्ति की सालाना इनकम अगर 3 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है। 80 साल से ऊपर के व्यक्ति की सालाना इनकम अगर 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
उपर्युक्त के अलावा कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिसमें रिटर्न फाइल करना जरूरी है। उदाहरण के लिए अगर आपको फाइनेंशियल ईयर में कैपिटल लॉस हुआ है और आप उसे कैरी-फॉरवर्ड करना चाहते हैं ताकि आगे के सालों में उसे पॉजिटिव इनकम के साथ सेट-ऑफ किया जा सके तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति का क्रेडिट कार्ड या विदेशी यात्रा पर होने वाला खर्च एक सीमा को पार कर जाता है तो उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
e-filing अकाउंट कैसे बनाएं?
सबसे पहले आपको इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा। इसका यूआरएल ऊपर बताया गया है। 26 जून, 2003 को इस पोर्टल के रजिस्टर्ड यूजर्स की संख्या 11,14,48,568 है। इस पोर्टल पर रजिस्टर करने के लिए आपको 'register' टैब पर क्लिक करना होगा। यह पोर्टल के टॉप राइड-हैंड साइड में है। क्लिक करने पर यह आपका पैन नंबर मांगेगा। पैन को वैलिडेट करने के बाद आपको 'इंडिविजुअल टैक्सपेयर' के अपने स्टेटस को कनफर्म करना होगा। इसके अलावा आपको अपना नाम बताना होगा। जेंडर और रेजिडेंशियल स्टेटस कनफर्म करना होगा।
वेरिफिकेशन प्रोसेस के लिए आपको एक मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी देना होगा। तीसरे स्टेप में आपको अपना पोस्ट एड्रेस देना होगा। आखिर में आपको पासवर्ड बनाना होगा। इसके बाद कंटीन्यू पर क्लिक करने पर आपको छह डिजिट का ओटीपी1 और ओटीपी2 आएगा। इसे आपके मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा। ओटीपी डालने के बाद रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस पूरा हो जाएगा।
ज्यादा सिक्योरिटी के लिए ई-फाइलिंग वॉल्ट
अकाउंट बन जाने के बाद ई-फाइलिंग वॉल्ट को बनाना बहुत जरूरी है। यह एडिशनल सिक्योरिटी फीचर है। यह अनअथॉराइज्ड एक्सेस से आपके फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन को सुरक्षित बनाता है। ई-फाइलिंग वॉल्ट को सेलेक्ट करने के बाद जब कभी आप अपने ई-फाइलिंग अकाउंट को एक्सेस करेंगे आपको ओटीपी का इस्तेमाल करना होगा।
ई-वॉल्ट फैसिलिटी का इस्तेमाल करने के लिए आपको 'प्रोफाइल सेटिंग्स' टैब पर जाना होगा। उसके बाद आपको 'ई-फाइलिंग वॉव्ट-हायर सिक्योरिटी' ऑप्शन मिलेगा। आपको एक या ज्यादा सिक्योरटी ऑप्शन सेलेक्ट करने के लिए यहां क्लिक करना होगा। सेलेक्शन के बाद जब अगली बार आप लॉग-इन करेंगे तो आपको एडिशनल ऑथेंटिकेशन स्टेप का इस्तेमाल करना होगा। इसके लिए आप आधार, नेट बैंकिंग या डीएससी का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपने नेट बैंकिंग सेलेक्ट किया है तो आपको अपने नेट-बैंकिंग में लॉकइन करना होगा।
अकाउंट बनाने का पहला मकसद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग टैक्स रिटर्न का इस्तेमाल करना है। लेकिन इसका इस्तेमाल दूसरे कई कामों के लिए भी होता है। उदाहरण के लिए आप अपने पहले के टैक्स रिटर्न, फॉर्म 26एएस, AIS आदि को डाउनलोड कर सकते हैं। अकाउंट का इस्तेमाल ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से जुड़ी दिक्कत, पैन से जुड़े अप्लिकेशंस सहित दूसरे कामों के लिए कर सकते हैं।