SEBI ने राजीब कुमार मिश्रा को PTC India (PTC) का चेयरमैन एंव मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त करने की पक्रिया पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले मार्केट रेगुलेटर ने पीटीसी की सब्सिडिययरी PTC India Financial Services (PFS) में कॉर्पोरेट गवर्नेंस का पालन नहीं होने के लिए मिश्रा को फटकार लगाई थी। सेबी ने मिश्रा और कंपनी सेक्रेटरी को लेटर भेजे हैं। इसमें उनसे कई तरह के सवाल पूछे गए हैं। इनमें सीएमडी पद पर मिश्रा की नियुक्ति में अनियमितता, मिश्रा और पवन सिंह के बीच सांठगांठ और कॉर्पोरेट गवर्नेंस से जुड़े मसलों से जुड़े सवाल शामिल हैं। पवन सिंह PFS के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हैं। मामले से जुड़े तीन लोगों ने इसकी पुष्टि की है।
सेबी ने मिश्रा और सिंह को शो-कॉज नोटिस भेजे थे
इस बारे में डिटेल जानकारी के लिए सेबी, मिश्रा और पीटीसी के कंपनी सेक्रेटरी राजीव माहेश्वरी को भेजे गए मेल के जवाब नहीं मिले हैं। SEBI ने मिश्रा और सिंह को मई में कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) भेजा था। वह पीएफसी के नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन भी हैं। उनसे कॉर्पोरेट गवर्नेंस का पालन नहीं होने, कुछ खास फैसलों में बोर्ड की अनदेखी करने, लोन के नियम एवं शर्तों में बदलाव करने और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स को अहम मसलों की जानकारी नहीं देने से जुड़े सवाल पूछे गए थे।
मिश्रा पर जिम्मेदारियां नहीं निभाने के आरोप
सेबी ने 8 मई को मिश्रा को भेजे नोटिस में कहा था कि वह पीएफएस के प्रमुख के रूप में बोर्ड को ठीक तरह से काम करने देने और अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में नाकाम रहे। पीटीसी के चेयरमैन पद पर मिश्रा की नियुक्ति का मामला 28 जून को एप्रूवल के लिए शेयरहोल्डर्स के सामने आने वाला है।
कॉर्पोरेट गवर्नेंस में लापरवाही की हो रही जांच
सेबी पहले से 19 जनवरी, 2023 को तीन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के इस्तीफा देने के बाद कॉर्पोरेट गर्वनेंस के पालन में लापरवाही की जांच कर रहा है। इस बीच, एक माइनॉरिटी शेयरहोल्डर के लेटर के बाद पेरेंट कंपनी फोकस में आ गई है। एक सूत्र ने बताया, "एक माइनॉरिटी शेयरहोल्डर ने सेबी, पीटीसी के प्रमुख शेयरहोल्डर्स और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स को लेटर भेजा है। इसके बारे में सेबी के टॉप अधिकारियों के बारे में पता चला है। इसके बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं।"
इन सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी
मनीकंट्रोल ने इस लेटर की कॉपी देखी है। इसे सेबी के साथ ही NTPC, Power Grid, PFC और NHPC को मार्क किया गया है। इनमें से हर कंपनी की पीटीसी में 4.05 फीसदी हिस्सेदारी है। इस लेटर के बारे में इन कंपनियों के सीएमडी से अलग से वेरिफाय नहीं किया जा सका। सेबी के नए लेटर में यह संकेत दिया गया है कि मार्केट रेगुलेटर पीटीसी में अनियमितता की भी जांच कर रहा है। आम तौर पर जब रेगुलेटर जब किसी सवाल का इस तरह का रिस्पॉन्स पाता है तो वह उसकी जांच करता है और संतुष्ट नहीं होने पर शो-कॉज नोटिस जारी करता है।