इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की तारीख नजदीक आ रही है। नौकरी करने वाले लोगों को एंप्लॉयर की तरफ से फॉर्म 16 मिल गया होगा। जिन एंप्लॉयीज को नहीं मिला है, उन्हें अगले 2-3 दिन में मिल जाएगा। फिर वे ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। मनीकंट्रोल आपको स्टेप-बाय-स्टेप रिटर्न फाइलिंग प्रोसेस बता रहा है।
सबसे पहले आपको जरूरी डॉक्युमेंट्स जुटाने होंगे। इनमें फॉर्म 16, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट डिटेल, इनवेस्टमेंट प्रूफ आदि शामिल हैं। इनवेस्टमेंट प्रूफ में सेक्शन 80सी के तहत किए गए निवेश के प्रूफ की जरूरत पड़ेगी। साथ ही अगर आपने हेल्थ पॉलिसी खरीदी है तो उस पर डिडक्शन का क्लेम सेक्शन 80डी के तहत होगा।
डॉक्युमेंट्स जुटाने के बाद आपको इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा। आपको www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाना होगा। अगर आप नए यूजर हैं तो आपको इस पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। पैन की मदद से आप यह कर सकते हैं। यह आपकी यूजर आईडी होगी।
यूजर आईडी और पासवर्ड बन जाने के बाद आपको फॉर्म 26एएस डाउनलोड करना होगा। इसमें आपके TDS और TCS से जुड़ी सभी जानकारियां होंगी। अच्छा होगा कि आप फॉर्म 16 के टीडीएस के डेटा को फॉर्म 26एएस के डेटा से मैच करा लें।
नौकरी करने वाले लोगों के लिए फॉर्म 1 यानी सहज का इस्तेमाल आईटीआर फाइलिंग के लिए होता है। एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए नई टैक्स रीजीम डिफॉल्ट रीजीम है। इसलिए आपको फॉर्म में पहले ऑप्शन 'NO'सेलेक्ट किया हुआ मिलेगा। अगर आप ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो पर्सनल इंफॉर्मेशन सेक्शन में आपको 'Yes' सेलेक्ट करना होगा।
आपको फॉर्म 1 में फॉर्म 16 में दी जानकारियों के आधार पर डिटेल भरना होगा। कई चीजें पहले से भरी होंगी। इनमें पैन, आधार, नाम और एड्रेस शामिल हैं। आपको इन्हें एक बार चेक कर लेना होगा।
ग्रॉस टोटल इनकम सेक्शन में आपको प्री-फिल्ड इंफॉर्मेशन को चेक करना होगा। आप कई जानकारियों को कनफर्म/एडिट कर सकते हैं। इनमें इनकम सोर्स डिटेल, हाउस प्रॉपर्टी और दूसरे स्रोत शामिल हैं।
टोटल डिडक्शन सेक्शन में आप अपने डिडक्शन के हिसाब से ऐड, डिलीट या कनफर्म कर सकते हैं। टैक्स पेड सेक्शन में आपको पिछले वित्त वर्ष में चुकाए गए टैक्सेज को कनफर्म करना होगा। इसमें सैलरी से टीडीएस आदि शामिल होंगे।
टोटल टैक्स लायबिलिटी सेक्शन में आपके टैक्स कम्यूटेशन की समरी दिखेगी। यह आपकी तरफ से दी गई डिटेल पर आधारित होगी। अगर कंप्यूटेशन के आधार पर आप पर टैक्स लायबिलिटी बनती है तो आपको पे नाउ और पे लेटर का विकल्प दिखेगा। यह पेज के निचले हिस्से में होगा।
सभी डिटेल भरने के बाद आपको फॉर्म को वैलिडेट करना होगा। पोर्टल अपने आप आपकी टैक्स लायबिलिटी या रिफंड का कैलकुलेशन कर लेगा।
फॉर्म वैलिडेट करने के बाद और सभी डिटेल भरने के बाद आपको अपना आईटीआर सब्मिट करना होगा। सब्मिट करने के बाद आपको रिटर्न को ई-वेरिफाय करना होगा। आप अपने मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी की मदद से यह कर सकते हैं। अपने बैंक की नेट बैंकिंग फैसिलिटी के जरिए कर सकते हैं। अगर आपके पास डीएससी है तो डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के जरिए कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड आपके मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।
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अगर आप उपर्युक्त विकल्पों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं तो आप आईटीआर-वी की साइन की हुई कॉपी (एकनॉलेजमेंट) इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर को भेज सकते हैं।