15 सितंबर की डेडलाइन चूके, तो फाइल करना होगा बिलेटेड या अपडेटेड ITR; जानिए नियम और शर्तें

ITR filing last date: अगर आपने 15 सितंबर तक ITR फाइल नहीं किया है, तो अब बिलेटेड या अपडेटेड रिटर्न भरना होगा। देर करने पर पेनल्टी, ब्याज और कई फायदे खोने का खतरा रहेगा। यहां जानिए डिटेल में नियम और शर्तें।

अपडेटेड Sep 15, 2025 पर 3:29 PM
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31 जुलाई 2025 को मूल डेडलाइन थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया।

कई टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने ITR पोर्टल में गड़बड़ियों की शिकायत की है। जैसे कि पोर्टल खुलने में दिक्कत, एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और Form 26AS का डाउनलोड न होना। इन सबके बीच ज्यादा टैक्सपेयर्स ने अपना रिटर्न फाइल कर दिया है। लेकिन, अभी भी बहुत से टैक्सपेयर्स हैं, जो रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं।

अगर आपने अभी तक ITR फाइल नहीं किया है, तो इसे हर हाल में 15 सितंबर तक फाइल कर दें। ऐसा करने की सूरत में कई दिक्कतें हो सकती हैं। आपको पेनल्टी के साथ ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है। साथ ही, आप कई फायदों से भी हाथ धो बैठेंगे।

डेडलाइन चूकने का असर


अगर आप 15 सितंबर की डेडलाइन मिस कर देते हैं, तब भी आपके पास मौका रहेगा कि 31 दिसंबर 2025 तक 'बिलेटेड रिटर्न' फाइल कर सकें।

लेकिन, इसके लिए लेट-फाइलिंग फीस देनी होगी। यह फीस आम तौर पर ₹5,000 है। वहीं, जिनकी इनकम ₹5 लाख से कम है, उन्हें ₹1,000 तक फीस देनी होगी।

ये नुकसान भी होंगे

लेट फाइलिंग का असर केवल पेनल्टी तक सीमित नहीं है। अगर आपने डेडलाइन मिस की, तो आप अपने कैपिटल लॉस को आगे कैरी फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे। यानी स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड या प्रॉपर्टी बेचने से हुए घाटे का फायदा आगे नहीं मिलेगा।

इसके अलावा ओल्ड टैक्स रीजीम में मिलने वाले कई डिडक्शन और छूट का दावा भी नहीं कर पाएंगे। साथ ही, Section 234A के तहत बकाया टैक्स पर 1% प्रति महीने की दर से ब्याज भी लगेगा।

 2. पेंशन और ब्याज कमाई पर आधारित शर्त ITR फाइलिंग से छूट पाने के लिए सीनियर सिटीजन की आय का स्रोत केवल पेंशन होना चाहिए। साथ ही, ब्याज आय भी उसी बैंक से होनी चाहिए जिसमें पेंशन आती है। अगर आमदनी का जरिया इससे अलग है, तो रिटर्न भरना अनिवार्य रहेगा।

याद रखने की अहम तारीखें

31 जुलाई 2025 को मूल डेडलाइन थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया। अगर यह भी चूक जाए, तो 31 दिसंबर 2025 तक आप बिलेटेड या रिवाइज्ड रिटर्न भर सकते हैं। इसके बाद आखिरी मौका 'अपडेटेड रिटर्न' का है, जो 31 मार्च 2030 तक भरा जा सकता है।

  • 31 जुलाई 2025: ITR भरने की मूल डेडलाइन (इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए)
  • 15 सितंबर 2025: बढ़ाई गई डेडलाइन (FY 2024-25, AY 2025-26 के लिए)
  • 31 दिसंबर 2025: बिलेटेड या रिवाइज्ड रिटर्न भरने की आखिरी तारीख
  • 31 मार्च 2030: FY 2024-25 के लिए अपडेटेड रिटर्न भरने की आखिरी तारीख

अपडेटेड रिटर्न का विकल्प

अगर आप बिलेटेड रिटर्न की डेडलाइन भी मिस कर देते हैं, तो इनकम टैक्स कानून आपको अपडेटेड रिटर्न का विकल्प देता है। इसे 2022 में लागू किया गया था। इसके तहत आप 48 महीने के भीतर ITR भर सकते हैं। इसका मकसद है कि आप अपनी छूटी हुई इनकम घोषित कर सकें और उस पर टैक्स भरें।

हालांकि इसमें कई शर्तें हैं। जैसे कि आप अतिरिक्त नुकसान या रिफंड क्लेम नहीं कर सकते और न ही टैक्स लायबिलिटी घटा सकते हैं। एक बार फाइल करने के बाद इसे रिवाइज भी नहीं किया जा सकता।

अतिरिक्त टैक्स का बोझ

अपडेटेड रिटर्न भरने पर आपको काफी ज्यादा टैक्स देना पड़ता है। अगर असेसमेंट ईयर खत्म होने के 12 महीने के भीतर फाइल करते हैं, तो 25% अतिरिक्त टैक्स देना होगा। यह 24 महीने में 50%, 36 महीने में 60% और 48 महीने में 70% तक बढ़ जाता है।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Sep 15, 2025 3:29 PM

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