नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यानी जेवर एयरपोर्ट, यमुना एक्सप्रेसवे को रियल एस्टेट का हॉटस्पॉट बनाता जा रहा है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी इन्वेस्टोएक्सपर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से 2025 के बीच इस क्षेत्र में फ्लैट की कीमतों में 158% की वृद्धि हुई है, जबकि प्लॉट की कीमतों में धमाकेदार 536% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जेवर एयरपोर्ट के बनने से यमुना एक्सप्रेसवे पर आवासीय और कमर्शियल दोनों प्रकार के प्रॉपर्टी की मांग काफी बढ़ी है। बेहतर सड़क कनेक्टिविटी, औद्योगिक टाउनशिप, लॉजिस्टिक्स पार्क और प्रस्तावित फिल्म सिटी जैसी परियोजनाएं भी इस क्षेत्र की सामर्थ्य को बढ़ावा दे रही हैं। जमीन के टुकड़ों की कीमतें 2020 में प्रति वर्ग फुट ₹1,650 थीं, जो बढ़कर 2025 में ₹10,500 प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई हैं। इसी प्रकार, फ्लैट की कीमतें ₹3,950 से बढ़कर ₹10,200 प्रति वर्ग फुट हो गई हैं।
2025 में ही, प्लॉट्स की कीमतों में 12.31% का सालाना औसत बढ़ोतरी दर्ज हुई, जबकि अपार्टमेंट्स की कीमतें 7.37% बढ़ीं। ये आंकड़े इस क्षेत्र में सिर्फ बयानबाजी नहीं बल्कि मजबूत निवेश और स्थायी मांग को दर्शाते हैं। यमुना एक्सप्रेसवे अब एनसीआर का सबसे गतिशील रियल एस्टेट कॉरिडोर बन चुका है, जो निवेशकों और खरीदारों के लिए आकर्षक जगह बन रहा है।
30 अक्टूबर को जेवर एयरपोर्ट का उद्घाटन होगा, जिसके बाद कमर्शियल उड़ानें लगभग डेढ़ महीने में शुरू हो जाएंगी। यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में आर्थिक विकास और रियल एस्टेट के विस्तार का प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। इस तेजी से हो रहे विकास और प्रॉपर्टी की कीमतों में इजाफे ने यमुना एक्सप्रेसवे को सिर्फ दिल्ली आगरा के बीच का एक रूट नहीं, बल्कि एनसीआर का निर्माण और निवेश केंद्र बना दिया है।