इस वक्त चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी है। घरेलू स्तर पर डिमांड के साथ-साथ सप्लाई में कमी से प्रभावित वैश्विक कीमतें डोमेस्टिक प्राइस पर भी असर डाल रही हैं। सभी सिल्वर ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) तगड़े प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। इस बीच कोटक म्यूचुअल फंड ने ऐलान किया है कि उसका 'कोटक गोल्ड सिल्वर पैसिव फंड ऑफ फंड (Kotak Gold Silver Passive FoF), कोटक के सिल्वर ETF में निवेश जारी रखेगा। ऐसा अंडरलाइंग सिक्योरिटी के तौर पर किया जाएगा।
गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF, कोटक की नई पेशकश है। इसे हाल ही में लॉन्च किया गया है। फंड का उद्देश्य कोटक गोल्ड ETF और कोटक सिल्वर ETF की यूनिट्स में निवेश करके बनाए गए पोर्टफोलियो से लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ जनरेट करना है। कोटक सिल्वर पैसिव फंड FoF ने कोटक के सिल्वर ETF और मनी मार्केट फंड में भी निवेश किया। इसका मतलब हुआ कि दोनों फंड्स का अंडरलाइंग एसेट एक ही होगा।
इससे पहले कोटक म्यूचुअल फंड ने ETF के भारी प्रीमियम पर कारोबार करने के चलते सिल्वर ETF FoF में एकमुश्त निवेश रोकने की घोषणा की थी। फंड हाउस को उम्मीद है कि चांदी की कीमतें जल्द ही सामान्य हो जाएंगी। इसके बाद कंपनी इस एसेट में पूंजी लगाएगी। सिल्वर ETF एक ऐसा फंड है, जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड करता है और चांदी की फिजिकल फॉर्म या चांदी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है। ETF की यूनिट्स को स्टॉक की तरह खरीदा और बेचा जाता है, और इनकी वैल्यू चांदी की कीमत के आधार पर घटती-बढ़ती रहती है।
ग्लोबल प्राइस से 10 प्रतिशत ऊपर है चांदी का डोमेस्टिक प्राइस
सेफ एसेट के तौर पर सोने की तरह ही चांदी में भी निवेश बढ़ा है। इससे कीमतों में भारी उछाल आया है। लंदन में लिक्विडिटी की कमी से चांदी का बाजार प्रभावित हुआ है। इसके चलते पूरी दुनिया में चांदी की सप्लाई में कमी दर्ज की जा रही है। चांदी का इस्तेमाल ज्वैलरी, सिक्के, आर्टिफैक्ट्स बनाने और निवेश विकल्प के तौर पर तो होता ही है, साथ ही यह इंडस्ट्रीज में भी इस्तेमाल होती है। चांदी की घरेलू कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक चल रही हैं।
चांदी में तेजी से कैसे प्रीमियम पर कैसे ट्रेड करने लगते हैं ETF
एक मार्केट मेकर फिजिकल सिल्वर खरीदकर उसे एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के साथ ETF यूनिट्स के लिए एक्सचेंज करता है। फिर इन्हें एक्सचेंज पर बेचा जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर ETF की कीमतों को चांदी की रियल कीमत के मुताबिक बनाए रखने में मदद करती है। लेकिन जब मेटल की फिजिकल सप्लाई कम हो जाती है, तो नई ETF यूनिट्स का निर्माण धीमा या बंद हो जाता है। इससे ETF प्रीमियम पर कारोबार करने लगते हैं। इसके चलते नए निवेशकों के लिए ओवरवैल्यूएशन का जोखिम पैदा हो जाता है। यही वजह है कि सिल्वर ETF और FoFs के NAV यानि कि नेट एसेट वैल्यू में उछाल आया। यह कभी-कभी इंडीकेटिव NAV से भी अधिक प्रीमियम पर होता है।
यही वजह है है कि कोटक म्यूचुअल फंड ने अपने सिल्वर फंड ऑफ फंड में एकमुश्त निवेश को बंद कर दिया। कोटक एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने इसे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एक विवेकपूर्ण कदम बताया। कोटक एमएफ ने कहा है कि प्रीमियम स्थिर होने के बाद नए सब्सक्रिप्शन के लिए यह फिर से खुल जाएगा। शाह ने सीएनबीसी-टीवी18 को एक इंटरव्यू में कहा कि अगर सेबी के नियमों के तहत इजाजत होती तो वे सिल्वर ETF में भी निवेश रोक देते। कोटक म्यूचुअल फंड के बाद, SBI म्यूचुअल फंड, UTI म्यूचुअल फंड, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड समेत कई अन्य फंड हाउसेज ने अपने-अपने सिल्वर फंड ऑफ फंड्स में निवेश रोक दिया।
गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF की एलोकेशन डेट 28 नवंबर
गोल्ड सिल्वर पैसिव फंड ऑफ फंड्स (FOF) की एलोकेशन डेट 28 नवंबर है। सोने और चांदी के बीच एलोकेशन एक इंटर्नल मॉडल के आधार पर तय किया जाएगा। फंड का लगभग 5 प्रतिशत हिस्सा मुख्य रूप से लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए करेंसी मार्केट के इंस्ट्रूमेंट्स में लगाया जाएगा। बाकी 95 प्रतिशत कीमती धातुओं में लगाया जाएगा।