गोल्ड ने 15 अक्टूबर को ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बना दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड की कीमत 1.4 फीसदी चढ़कर 4,200.11 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई। पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड ने 4,200 डॉलर प्रति औंस का मनोवैज्ञानिक स्तर पार किया। इधर, इंडिया में गोल्ड फ्यूचर्स में भी जबर्दस्त तेजी देखने को मिली। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स 2:15 बजे 1,474 रुपये यानी 1.17 फीसदी के उछाल के साथ 1,27,730 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया।
Diwali और Dhanteras से पहले गोल्ड में इस तेजी ने लोगों को हैरान किया है। शायद ही त्होहारी सीजन में गोल्ड में ऐसी तेजी पहले कभी आई होगी। 2025 में गोल्ड ने निवेशकों को 55 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि गोल्ड में आउटलुक स्ट्रॉन्ग है। इसका मतलब है कि गोल्ड की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी रह सकता है।
एक्सपर्टस का कहना है कि गोल्ड में तूफानी तेजी के 5 बड़े कारण हैं:
1. गोल्ड ईटीएफ में इनवेस्टर्स की ज्यादा दिलचस्पी
दुनियाभर में गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। इक्रा एनालिटिक्स के डेटा के मुताबिक, सितंबर 2025 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश एक साल पहले के मुकाबले 578 फीसदी बढ़कर 8,363.13 करोड़ रुपये पहुंच गया। पिछले साल सितंबर में गोल्ड ईटीएफ में 1,232.99 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। बीते पांच सालों में गोल्ड ईटीएफ में निवेश की सीएजीआर 69 फीसदी रही है।
2. कई देशों के केंद्रीय बैंकों का गोल्ड में बढ़ता निवेश
कई देशों के केंद्रीय बैंक गोल्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं। अगस्त में सात देशों ने गोल्ड में निवेश बढ़ाया। इनमें नेशनल बैंक ऑफ कजाकिस्तान, बुल्गेरियन नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ टर्की और पीपल्स बैंक ऑफ चाइना शामिल हैं। सबसे ज्यादा गोल्ड नेशनल बैंक ऑफ पोलैंड ने खरीदा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दुनिया के कई देशों के लगातार गोल्ड खरीदने से इसकी कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।
3. जियोपॉलिटिकल टेंशन का असर
इजरायल और हमास के बीच लड़ाई भले ही रुक गई है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन का असर इस साल गोल्ड की कीमतों पर पड़ा है। इनवेस्टर्स वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता को देखते हुए सुरक्षित निवेश के लिए गोल्ड खरीद रहे है। गोल्ड को दुनियाभर में निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है। दुनिया में जब कभी उथल-पुथल की स्थिति बनती है तब गोल्ड की चमक बढ़ जाती है।
4. अमेरिका में इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद
अमेरिका में इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद से भी गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। अनुमान है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इस साल इंटरेस्ट रेट में दो बार कमी कर सकता है। पहली कमी वह इस महीने कर सकता है। वह इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी कर सकता है। दूसरी बार उसके दिसंबर में इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी करने का अनुमान है। इंटरेस्ट रेट घटने का असर डॉलर पर पड़ता है। डॉलर के कमजोर होने पर सोने की चमक बढ़ती है।
इंडिया में त्योहारों खासकर धनतेरस और दिवाली पर गोल्ड खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन दोनों मौकों पर गोल्ड खरीदने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस बार 18 नवंबर को धनतेरस और 20 नवंबर को दिवाली है। ज्वेलर्स इन दोनों मौकों पर गोल्ड की अच्छी मांग की उम्मीद में स्टॉक बढ़ा रहे हैं। इसका असर भी गोल्ड की कीमतों पर पड़ रहा है। भारत अपनी जरूरत के 80 फीसदी से ज्यादा गोल्ड का इंपोर्ट करता है।