Lakhpati Didi Yojana: पीएम मोदी ने 11 लाख नई 'लखपति दीदियों' को बांटे सर्टिफिकेट, 10 साल में 1 करोड़ लखपति दीदी बनीं

Lakhpati Didi Sammelan in Maharashtra: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के मुताबिक, लखपति दीदी योजना शुरू होने के बाद से अब तक एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है

अपडेटेड Aug 25, 2024 पर 2:36 PM
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Lakhpati Didi Sammelan in Maharashtra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन के दौरान लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र सौंपे

Lakhpati Didi Sammelan in Maharashtra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (25 अगस्त) को महाराष्ट्र के जलगांव में 'लखपति दीदियों' से बातचीत की। 'लखपति दीदी' स्वयं सहायता समूहों की उन महिलाओं को कहा जाता है जो सालाना एक लाख रुपये कमा रही हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने करीब 11 लाख नई लखपति दीदियों को सर्टिफिकेट बांटे। प्रधानमंत्री 11 लाख नई लखपति दीदियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जलगांव गए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों के 48 लाख सदस्यों को लाभान्वित करने के लिए 2,500 करोड़ रुपये की निधि जारी की।

इसके अलावा लाखों सखी मंडलों के लिए 6,000 करोड़ से अधिक की राशि भी जारी की गई है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 10 साल में 1 करोड़ लखपति दीदी बनीं हैं। जबकि बीते 2 महीने में 11 लाख नई लखपति दीदी बनी हैं। पीएम ने कहा कि मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए जो काम 10 साल में किया है वह आजादी के बाद से कोई सरकार नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को 2014 तक 25,000 करोड़ रुपये से कम लोन दिया गया। जबकि पिछले 10 वर्षों में उन्हें नौ लाख करोड़ रुपये दिए गए।

महिलाओं से की बातचीत


जलगांव में महिलाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया, जिसके बाद उन्होंने कुछ स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्यों से बातचीत की। अधिकारियों ने बताया कि स्वयं सहायता समूह पशुधन क्षेत्र में सक्रिय हैं। जबकि अन्य 'कृषि सखी' और 'नमो ड्रोन दीदी' जैसी सरकारी योजनाओं में काम कर रही हैं।

योजनाओं को क्रियान्वित करने वाले अधिकारियों ने कहा कि स्वयं सहायता समूह कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकताओं को पूरा करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में मदद मिलती है। 'लखपति दीदी' बनाने की योजना की शुरुआत से अब तक एक करोड़ महिलाएं इससे जुड़ चुकी हैं। सरकार ने तीन करोड़ 'लखपति दीदी' बनाने का लक्ष्य रखा है।

10 साल में 1 करोड़ लखपति दीदी बनीं

इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की यात्रा में हमारी महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी' योजना न केवल महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए है। बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त बनाने के लिए भी है।

पीएम ने कहा कि कोल्हापुर में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के शरणार्थियों को रखा गया था, पोलैंड के लोग महाराष्ट्र के लोगों का सम्मान करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जब मैं आपके पास आया था, तो मैंने वादा किया था कि हमें 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाना है। इसका मतलब है कि जो महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में काम करती हैं और उनकी सालाना आय एक लाख रुपये से अधिक है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि लखपति दीदी बनाने का ये अभियान, सिर्फ बहनों-बेटियों की कमाई बढ़ाने का ही अभियान नहीं है। ये पूरे परिवार को, आने वाली पीढ़ियों को सशक्त कर रही है। ये गांव के पूरे अर्थतंत्र को बदल रही हैं। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हम महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कानूनों को मजबूत कर रहे हैं।

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