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लखनऊ में प्रॉपर्टी खरीदना हुआ महंगा! सर्किल रेट्स में 10 साल बाद बड़ा बदलाव

अगर आप लखनऊ में घर या जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो अब आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। जिला प्रशासन ने 1 अगस्त 2025 से शहर के सर्किल रेट्स सरकारी दरें में बढ़ोतरी का फैसला किया है। यह बदलाव पिछले 10 साल में पहली बार किया गया है

अपडेटेड Aug 01, 2025 पर 6:35 PM
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अगर आप लखनऊ में घर या जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो अब आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।

अगर आप लखनऊ में घर या जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो अब आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। जिला प्रशासन ने 1 अगस्त 2025 से शहर के सर्किल रेट्स सरकारी दरें में बढ़ोतरी का फैसला किया है। यह बदलाव पिछले 10 साल में पहली बार किया गया है। सरकार के सर्किल रेट बढ़ाने से खरीदारों और बेचने वालों दोनों पर असर पड़ेगा।

किन प्रॉपर्टीज के रेट्स बढ़े?

लखनऊ की 77 मुख्य सड़कों और 26 अधिकृत कॉलोनियों के लिए नए सर्किल रेट लागू किए गए हैं। इसमें अलग-अलग प्रॉपर्टी के लिए बढ़ोतरी इस तरह है।


एग्रीकल्चरल लैंड (agricultural land) के दाम में 15% की बढ़ोतरी।

कमर्शियल प्रॉपर्टी में 25% तक की बढ़ोतरी।

मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग्स के फ्लैट्स के रेट 20% बढ़े।

दुकानें, ऑफिस और गोदाम जैसी कमर्शियल जगहों पर 20% से 40% तक की बढ़ोतरी।

किन इलाकों में पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

गोमतीनगर अब लखनऊ का सबसे महंगा इलाका बन गया है, जहां सर्किल रेट 7,100 से 7,500 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गया है। महानगर में रेट 6,043 रुपये प्रति वर्ग मीटर और इंदिरानगर में 6,000 रुपये प्रति वर्ग फुट निर्धारित हुआ है। वहीं, अनंतनगर और संतुष्टि एन्क्लेव जैसे एरिया में रेट कम हैं।

क्यों बढ़े सर्किल रेट?

प्रशासन का कहना है कि लखनऊ में शहरीकरण तेजी से हो रहा है, नई सड़कें, मेट्रो, और बेहतर कनेक्टिविटी से प्रॉपर्टी की डिमांड बहुत बढ़ी है। गैर-कृषि जमीनों के दाम में औसतन 25% बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

एडीएम फाइनेंस राकेश कुमार ने बताया कि इस कदम का मकसद संपत्ति खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता लाना और कम मूल्य दिखाकर टैक्स बचाने जैसी गड़बड़ियों को रोकना है। अगर कोई जमीन मास्टर प्लान में कमर्शियल घोषित है, तो उसकी कीमत गैर-कृषि भूमि की तुलना में 50% ज्यादा मानी जाएगी।

कहां देखें नए रेट?

नए सर्किल रेट्स को आप लखनऊ NIC की वेबसाइट या फिर सब रजिस्ट्रार ऑफिस और एआईजी रजिस्ट्रेशन ऑफिस में जाकर देख सकते हैं। इन नए रेट्स से स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भी बढ़ जाएगी। मतलब जो भी व्यक्ति अब प्रॉपर्टी खरीदेगा, उसे ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। हालांकि, रियल एस्टेट एक्सपर्ट का मानना है कि इससे बाजार में ईमानदारी बढ़ेगी और टैक्स चोरी कम होगी।

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