क्रेडिट कार्ड बिल में "न्यूनतम भुगतान" वह राशि होती है जो उपयोगकर्ता को हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड खाते को सक्रिय और ठीक स्थिति में बनाए रखने के लिए कम से कम चुकानी होती है। यह आमतौर पर कुल बकाया राशि का 5-15% तक हो सकती है। अगर पैसे की तंगी है तो लोग यह विकल्प चुनते हैं क्योंकि इससे वे लेट फीस से बच सकते हैं।
शुरुआती फायदा और असली खतरा
न्यूनतम भुगतान करने से शुरुआत में आर्थिक राहत मिलती है और आपके खाते को डिफॉल्ट से बचाया जा सकता है। लेकिन इस राहत के पीछे छुपा है बड़ा खतरा। क्योंकि जितना पैसा कम आप चुकाते हैं, उतना ही बाकी राशि पर भारी ब्याज लगता रहता है जो 30-40% वार्षिक तक हो सकता है।
जब आप केवल न्यूनतम भुगतान करते हैं, तो कर्ज की मूल राशि कम नहीं होती, बल्कि वर्षों तक बकाया राशि पर लगातार ब्याज जुड़ता रहता है। इससे आपका कुल कर्ज बढ़ता जाता है और चुकाना अधिक मुश्किल हो जाता है। वर्षो बाद भी आप पूरी रकम चुका नहीं पाते हैं और ब्याज का बोझ लगातार बढ़ता है।
क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर
न्यूनतम भुगतान से क्रेडिट कार्ड का यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाता है, जो आपके क्रेडिट स्कोर को कमजोर करता है। कमजोर क्रेडिट स्कोर की वजह से भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड लेना मुश्किल हो सकता है।
सर्वोत्तम यह है कि क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान समय पर करें। यदि पूरा भुगतान करना मुश्किल हो, तो भी जितना ज्यादा हो सके उतना भुगतान करें ताकि ब्याज का बोझ कम हो।
क्रेडिट कार्ड का न्यूनतम भुगतान सिर्फ अस्थाई राहत देता है, लेकिन यह एक ऐसे वित्तीय फंदे में डाल सकता है जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, वित्तीय समझदारी दिखाएं और क्रेडिट कार्ड खर्चों का पूरा हिसाब रखें, समय पर पूरा भुगतान करें ताकि आर्थिक दबाव और कर्ज के बोझ से बचा जा सके।
यह आपके वित्तीय स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है कि आप क्रेडिट कार्ड का सही और समय पर भुगतान करें। इस आदत से आप न केवल अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाएंगे बल्कि भविष्य में वित्तीय संकट से भी बच सकेंगे।