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यूपी में 11 हजार से ज्यादा राशनकार्ड रद्द, इनकम टैक्स चुकाने वाले भी मुफ्त में ले रहे थे राशन

कोविड के दौरान से ही केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के जरिए गरीबों को मुफ्त राशन का तोहफा मिल रहा है। इसका लाभ करोड़ों लोगों को मिल रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश में इस योजना का लाभ कई ऐसे लोग भी उठा जो लाखों कमाते हैं और इनकम टैक्स भरते हैं। ऐसे कार्ड धारकों पर अब बड़ी कार्रवाई हुई है

अपडेटेड Jan 30, 2025 पर 2:01 PM
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Ration Card: उत्तर प्रदेश के मथुरा में लाखों कमाने के बाद भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन उठाने वाले कार्ड धारकों पर बड़ी कार्रवाई हुई है

भारत में आज भी कई लोग ऐसे हैं जिनके लिए रोजाना खाने का इंतजाम करना काफी मुश्किल होता है। सरकार ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कई योजनाएं चलाती है, ताकि उन्हें जरूरी सहायता मिल सके। केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के जरिए गरीबों को मुफ्त राशन का तोहफा मिल रहा है।

इसका लाभ करोड़ों लोगों को मिल रहा है, वहीं कुछ लोग लाखों कमाने के बाद भी सरकार की तरफ से मिलने वाली मुफ्त का राशन उठाते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक दो नहीं बल्कि 11 हजार ऐसे लोग हैं, जो इनकम टैक्स देने के बाद भी मुफ्त राशन उठा रहे थे।

लाखों कमाने के बाद भी लेते थे मुफ्त राशन


उत्तर प्रदेश के मथुरा में लाखों कमाने के बाद भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन उठाने वाले कार्ड धारकों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। मथुरा में 11,849 लोग थे, जो इनकम टैक्स तो जमा करते थे लेकिन सरकार की मुफ्त राशन योजना का लाभ भी उठा रहे थे। अब आपूर्ति विभाग ने इनके राशन कार्ड निरस्त कर दिए हैं। जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिले में कुल 4 लाख 64 हजार 230 राशन कार्ड धारक पंजीकृत हैं। इनमें से 4 लाख 22 हजार 794 पात्र गृहस्थी योजना के तहत आते हैं, जबकि 41 हजार 436 अंत्योदय योजना के लाभार्थी हैं। अंत्योदय योजना के तहत राशन कार्ड धारकों को 35 किलो खाद्यान्न मिलता है, जबकि पात्र गृहस्थी योजना के तहत 5 किलो खाद्यान्न वितरित किया जाता है।

11 हजार कार्ड हुए रद्द

बता दें कि केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना में कार्डधारक को पारिवारिक सदस्यों की संख्या के अनुसार बेहद कम दर पर गेहूं और चावल दिया जाता है। इस योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य योजना के माध्यम से जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करना था, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी थे जिनकी आय लाखों रुपये थी फिर भी उनकी आवश्यकताएं पूरी नहीं हो रही थीं। ये लोग अपनी भारी कमाई पर आयकर तो भरते थे, लेकिन मुफ्त का राशन लेने से भी नहीं चूकते थे। आयकर विभाग ने आयकरदाताओं की सूची आपूर्ति विभाग को भेजी, जिसे आपूर्ति विभाग ने राशन कार्डधारकों की सूची से मिलाकर जांचा। इस मिलान के परिणामस्वरूप 11,849 लोग सामने आए, जो इस योजना का लाभ लेने के हकदार नहीं थे।

आपूर्ति विभाग ने जिले में ऐसे भी राशन कार्ड निरस्त किए हैं जिनकी धारकों की मृत्यू काफी पहले हो चुकी थी और उनके कार्ड पर राशन लिया जा रहा था। विभाग ने मथुरा जिले के ऐसे 3956 कार्ड निरस्त किए हैं। विभाग ने ये कार्ड पेंशन पाने वाली महिलाओं के आंकड़ों से मिलान करके ऐसे कार्ड निरस्त किए हैं।

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