Sarkari App Scam Alert: क्या आपको भी ऐसा मैसेज आया है कि अपना चालान भर दीजिए या पॉल्यूशन एक्सपायर हो गया है? आप इसके लिए ऑनलाइन व्हीकल सर्विस ऐप mParivahan का इस्तेमाल करते हैं? अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो अलर्ट हो जाइए। इस ऐप की नकली वर्जन से जुड़ा बड़ा साइबर फ्रॉड सामने आया है। मुंबई के एक प्रोफेशनल ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर बताया कि कैसे क्लोन किए गए ऐप के जरिए उनसे पैसे ठग लिए गए। यह कोई इकलौती घटना नहीं है। सरकारी ऐप्स को क्लोन करके ठगी करने के ऐसे कई मामले देशभर में सामने आ चुके हैं। साइबर ठग WhatsApp के जरिए एक फेक APK फाइल भेजते हैं, जिसमें वाहन नंबर जैसा डेटा शामिल होता है ताकि यह भरोसेमंद लगे।
व्हाट्सएप पर आपको एक फर्जी APK फाइल भेजी जाती है। उस फाइल को डाउनलोड करते ही ऐप आपसे SMS, कॉल लॉग, कॉन्टैक्ट और फाइल्स तक की परमिशन मांगता है। अगर आप अनजाने में परमिशन दे देते हैं, तो हैकर को आपके फोन का पूरा कंट्रोल मिल जाता है। ऐप दिखने में हूबहू असली mParivahan ऐप जैसा होता है, जिससे लोग धोखा खा जाते हैं।
VirusTotal नाम की सुरक्षा वेबसाइट ने इसे खतरनाक ट्रोजन वायरस बताया। ये वायरस आपके फोन से बैंकिंग डिटेल, आधार, OTP, फाइल्स और पासवर्ड जैसी जानकारी चुरा सकते हैं।
मालवेयर आपके फोन के सारे बैंकिंग और पेमेंट ऐप्स को ट्रैक करता है। ये फेक लॉगिन स्क्रीन दिखाकर आपकी डिटेल्स चुरा सकता है। फोन में मौजूद Aadhaar, PAN, पासबुक स्कैन जैसी फाइलें भी चोरी हो सकती हैं। ये चुराई गई जानकारी Telegram बोट्स के ज़रिए हैकरों तक भेजी जाती है।
एक नहीं, पूरे परिवार के मोबाइल को बना देता है निशाना
केवल यूजर ही नहीं, इस स्कैम में ठग यूजर के परिवार और कॉन्टैक्ट्स तक पहुंच बना लेते हैं। बेंगलुरु की एक घटना में देखा गया कि एक व्यक्ति और उसकी पत्नी दोनों के मोबाइल से ठगों ने धोखाधड़ी की कोशिश की।
900 से ज्यादा फर्जी ऐप्स का नेटवर्क
Zimperium नामक अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी ने 900 से ज्यादा ऐसे फेक APK ऐप्स की पहचान की है। ये ऐप्स खास तौर पर भारतीय नेट बैंकिंग यूजर्स को टारगेट कर रहे हैं। कंपनी को 222 फायरबेस स्टोरेज बकेट्स मिले, जिनमें 2.5 GB से ज्यादा चुराए गए आधार, बैंक और पर्सनल डेटा था। यह एक संगठित गिरोह का काम माना जा रहा है जो एंड्रॉयड यूजर्स को निशाना बना रहा है।
कभी भी WhatsApp से APK डाउनलोड ना करें।
ऐप केवल Google Play Store या सरकारी वेबसाइट से ही डाउनलोड करें।
किसी भी ऐप को SMS, कॉल, फाइल एक्सेस की अनुमति सोच-समझकर दें।
अगर कोई अंजान लिंक भेजे तो क्लिक करने से बचें।
साइबर क्राइम होने पर तुरंत 1930 या cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।
सरकारी ऐप्स का क्लोन बनाकर हो रही ये ठगी अब नेशनल खतरे का रूप ले चुकी है। आम यूजर्स को अब सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि एक छोटी सी गलती से आपका पूरी डिजिटल लाइफ को हैक कर सकती है।