Saregama ने बताया है कि बुधवार यानी 6 अप्रैल 2022 को ही कंपनी की बोर्ड मीटिंग में कंपनी के शेयरों के विभाजन के लिए 27 अप्रैल 2022 को रिकॉर्ड डेट तय किया गया है। बता दें कि कंपनी के बोर्ड ने कंपनी के 10 रुपये फेस वैल्यू के प्रति शेयर को 1 रुपये फेस वैल्यू के 10 शेयरों में विभाजित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय कंपनी की 24 फरवरी 2022 को हुई बोर्ड मीटिंग में लिया गया था।
क्या होता है स्टॉक विभाजन?
स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता है शेयरों का विभाजन। आमतौर पर जब शेयरों की कीमत अधिक हो जाती है, तो कंपनी छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने शेयरों को कई भाग में विभाजित कर देती है। इससे शेयरों की कीमत सस्ती हो जाती है और कंपनी के कुल शेयरों की संख्या बढ़ा दी जाती है। हालांकि इससे कंपनी की मार्केट वैल्यू पर कोई असर नहीं पड़ता है।
उदाहरण के लिए अगर किसी शेयर का मूल्य 1000 रुपये है और कंपनी ने उस शेयर 1:1 के रेशियो में स्पिल्ट यानी विभाजित करने का फैसला किया है तो उस कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर को हर एक शेयर के बदले में एक अतिरिक्त शेयर जारी किए जाएंगे, लेकिन शेयरों की कीमत आधी यानी की 500 रुपये हो जाएगी। इस तरह प्रति शेयर की कीमत घट जाएगी, लेकिन शेयरहोल्डरों के शेयर की वैल्यू और कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन उतनी ही रहेगी।
शेयरों के विभाजन से कंपनी पर क्या पड़ता है असर?
स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयरों में लिक्विडिटी आती है। छोटे निवेशकों का रुझान शेयर की तरफ बढ़ता है. कीमत कम होने से भी शेयरों में तेजी की संभावना बढ़ जाती है। शॉर्ट टर्म के लिए कंपनी के शेयरों में उछाल देखने को मिलता है। बाजार में कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि, इससे कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Cap) पर कोई असर नहीं पड़ता।
इसके अलावा Saregama के बोर्ड ने पंकज चतुर्वेदी को कंपनी का चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है । यह नियुक्ति 11 अप्रैल 2022 से प्रभावी होगी।
बता दें कि यह स्टॉक भारतीय स्टॉक मार्केट का मल्टीबैगर स्टॉक साबित हुआ है। पिछले 1 साल में इसने 187 फीसदी का रिटर्न दिया है। हालांकि 2022 में अब तक इस स्टॉक में 6 फीसदी की कमजोरी देखने को मिली है।