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मुंबई में मानसून से पहले बड़ी राहत; जर्जर इमारतों में रहने वालों को मिलेगा ₹20000 महीना किराया, अस्थायी ठिकाने का भी होगा बंदोबस्त

Cessed Buildings: मुंबई में मानसून से पहले MHADA ने 96 खतरनाक 'सेस्ड' इमारतों के 2,400 निवासियों को राहत देने के लिए ₹20,000 किराया और 400 अस्थायी फ्लैट की योजना शुरू की है। आइए जानते हैं कि यह मदद क्यों दी जा रही है और इस खर्च की भरपाई किससे की जाएगी।

अपडेटेड Jun 05, 2025 पर 2:33 PM
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786 खाली ट्रांजिट होम पहले से हैं, लेकिन यह संख्या सभी लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है।

Cessed Buildings: मुंबई की जर्जर इमारतों में रह रहे सैकड़ों परिवारों के लिए मानसून से पहले बड़ी राहत की घोषणा की गई है। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) के अंतर्गत आने वाले मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड (MBRRB) ने एक सहायता योजना शुरू की है।

MBRRB की नियमित मानसून पूर्व जांच के बाद, 96 ‘सेस्ड’ इमारतों को बेहद खतरनाक घोषित किया गया है। इन इमारतों में इस समय लगभग 2,400 लोग रह रहे हैं। बारिश के मौसम में इनके गिरने का खतरा ज्यादा है, जिससे जान-माल को नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि बोर्ड इन लोगों के लिए अस्थायी ठिकाने का बंदोबस्त कर रहा है।

सेस्ड इमारतें क्या होती हैं?


सेस्ड इमारत (Cessed Building) वह पुरानी इमारत होती है जिस पर सरकार ने 'सेस' यानी एक विशेष टैक्स लगाया होता है। मुंबई में ये इमारतें आमतौर पर 1940 से पहले बनी होती हैं। इनमें रहने वालों के लिए किराया काफी कम होता है। इन इमारतों का रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी MHADA (म्हाडा) के एक विशेष विभाग MBRRB की होती है।

क्या है MBRRB की योजना?

₹20,000 प्रति महीना मदद: जो लोग खुद अपने लिए वैकल्पिक घर ढूंढेंगे, उन्हें MHADA ₹20,000 महीना किराए के रूप में देगा।

400 अस्थायी फ्लैट किराए पर: MHADA निजी एजेंसियों से 180 से 250 वर्गफुट आकार वाले 400 छोटे फ्लैट किराए पर लेगी। ये फ्लैट अधिकतम तीन साल के लिए ट्रांजिट होम्स के तौर पर दिए जाएंगे।

786 खाली ट्रांजिट होम पहले से हैं, लेकिन यह संख्या सभी लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए निजी मकान मालिकों से फ्लैट देने की अपील की गई है। MHADA के उपाध्यक्ष और CEO संजीव जायसवाल (IAS) ने बोर्ड को विज्ञापन देकर निजी मकान मालिकों से संपर्क करने का निर्देश दिया है।

इस फैसले के जरिए MHADA यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कमजोर और जोखिम में रहने वाले लोगों को मानसून के दौरान छत मिल सके। बोर्ड ने लोगों से अपील की है कि वे अधिकारियों का सहयोग करें और जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं।

खर्च की वसूली किससे होगी?

यह पूरा खर्च – यानी किराया, मेंटेनेंस और अन्य चार्ज – संबंधित बिल्डिंग के रीडेवलपमेंट का काम करने वाले बिल्डर्स या हाउसिंग सोसायटी से वसूला जाएगा। वसूली उस तारीख से शुरू होगी जब परिवारों को यह सहायता मिलना शुरू होगी।

मुंबई में लगभग 13,091 सेस्ड इमारतें हैं। इनमें से कई बेहद पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं। फिलहाल MBRRB के पास 20,591 ट्रांजिट होम्स हैं, जो लोगों को अस्थायी रूप से रहने के लिए दिए जाते हैं। जैसे कि मरम्मत, बिल्डिंग गिरने, सड़क चौड़ीकरण या दोबारा निर्माण के समय।

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