म्यूचुअल फंड में सिर्फ 10,000 रुपये का सिप आपको करोड़पति बना सकता है। करोड़पति बनाने वाली म्यूचुअल फंड की स्कीमों में सुंदरम मिडकैप फंड शामिल है। इस फंड की शुरुआत जुलाई, 2002 में हुई थी। अगर आपने तब से इस स्कीम में हर महीने सिर्फ 10,000 रुपये का सिप किया होता तो आज आपके पास करीब 4.71 करोड़ रुपये होते। अगर आपने तब एकमुश्त सिर्फ 1 लाख रुपये का निवेश किया होता तो आज आपका निवेश बढ़कर 1.4 करोड़ रुपये हुआ होता।
जुलाई 2002 में हुई थी सुंदरम मिडकैप फंड की शुरुआत
सुदंरम म्यूचुअल फंड (Sundaram Mutual Fund) के इस मिडकैप फंड ने इस जुलाई 23 साल पूरे कर लिए हैं। यह इंडिया की सबसे पुरानी मिडकैप फंडों में से एक है। यह निवेश में बॉटम-अप स्टॉक पिकिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करता है। इसका फोकस उन मिडकैप कंपनियों पर होता है, जिनके बिजनेस में लंबी अवधि में अच्छी ग्रोथ की संभावना होती है। इस फंड का सालाना रिटर्न 20.7 फीसदी रहा है।
अच्छी ग्रोथ की संभावना वाले मिडकैप स्टॉक्स में निवेश
सुंदरम म्यूचुअल में इक्विटीज के हेड भरत एस ने कहा, "हमारा फोकस उन कंपनियों पर रहा है जिनकी स्थिति मजबूत हैं और ग्रोथ की संभावनाएं अच्छी हैं। रिस्क कंट्रोल और वैल्यूएशन में अनुशासन हमारे निवेश के केंद्र में रहा है। " इस फंड का मुख्य लक्ष्य कैपिटल की ग्रोथ है। हालांकि, यह ध्यान में रखना जरूरी है कि मिडकैप शेयरों में उतारचढ़ाव लार्जकैप के मुकाबले ज्यादा होता है।
लंबी अवधि के निवेश के लिए सही है यह मिडकैप फंड
सुंदरम मिडकैप 65-100 फीसदी निवेश मिडकैप कंपनियों के शेयरों और शेयरों से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में करता है। दूसरे शेयरों में इसका निवेश 0-35 फीसदी के बीच रहता है। इसका बेंचमार्क निफ्टी मिडकैप 150 टीआआई है। एस भरत और रतीशन बी वरियर इसके फंड मैनेजर्स हैं। यह फंड उन इनवेस्टर्स के लिए सही है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं। मिडकैप स्टॉक्स का रिटर्न लार्जकैप स्टॉक्स के मुकाबले बेहतर होता है। लेकिन, बाजार में गिरावट का ज्यादा असर इन स्टॉक्स पर पड़ता है।
पिछला प्रदर्शन भविष्य में अच्छे प्रदर्शन की गारंटी नहीं
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स को किसी फंड या स्कीम के पिछले प्रदर्शन को देखकर निवेश का फैसला नहीं लेना चाहिए। इसकी वजह है कि पीछे अच्छा प्रदर्शन भविष्य में अच्छे प्रदर्शन की गारंटी नहीं होता। किसी स्कीम के प्रदर्शन पर बाजार की स्थितियों, इकोनॉमिक साइकिल और फंड मैनेजर्स की स्ट्रेटेजी का बड़ा हाथ होता है।