इनकम टैक्स बिल, 2025 का नया वर्जन 11 अगस्त को लोकसभा में पास हो गया। नए वर्जन में दो ऐसे प्रावधान शामिल हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को काफी फायदा होगा। दरअसल, ससंदीय समिति ने बिल के पहले वर्जन की स्टडी करने के बाद सरकार को इसमें 285 संशोधन करने की सलाह दी थी। बताया जाता है कि टैक्सपेयर्स के हित को ध्यान में रख सरकार ने ज्यादातर सिफारिशें मान ली हैं।
अगले साल 1 अप्रैल से लागू होंगे इनकम टैक्स के नए नियम
बीजेपी सासंद बैजयंत पांडा की अगुवाई वाली 31 सदस्यीय संसदीय समिति ने सरकार को 21 जुलाई को अपनी सिफारिशें सौंप दी थी। इसके बाद सरकार ने संसोधन के बाद Income Tax Bill, 2025 का नया वर्जन 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया। इनकम टैक्स का नया एक्ट 1 अप्रैल, 2026 से लागू होने वाला है।
अंतिम तारीख के बाद ITR फाइल करने पर भी रिफंड
इनकम टैक्स बिल, 2025 के नए वर्जन के मुताबिक, देर से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने पर भी रिफंड मिलेगा। इसका मतलब है कि अगर कोई टैक्सपेयर अंतिम तारीख के बाद रिटर्न फाइल करता है तो भी उसे रिफंड मिलेगा। इनकम टैक्स बिल, 2025 के पहले वर्जन में देर से रिटर्न फाइल करने पर रिफंड नहीं देने का प्रावधान था। इस पर टैक्स एक्सपर्ट्स को आपत्ति थी। सरकार ने नए वर्जन में इस नियम में संशोधन किया है। यह टैक्सपेयर्स के हित में बड़ा बदलाव है।
इनकम टैक्स बिल के नए वर्जन में नियम में संशोधन
इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लीजिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई (इस साल 15 सितंबर) है। इसके बाद भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की इजाजत है। इसे बिलेटेड रिटर्न कहा जाता है। बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए पेनाल्टी और टैक्स पर इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है। पहले वर्जन में यह प्रावधान था कि अंतिम तारीख के बाद रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को रिफंड नहीं मिलेगा।
संसदीय समिति ने सरकार को दी थी सलाह
बैजयंत पांडा की अगुवाई वाली संसदीय समिति ने क्लॉज 263 के सब-क्लॉज (1)(IX) को हटाने की सलाह सरकार को दी थी। टैक्सआराम डॉट कॉम के फाउंडर और डायरेक्टर मयंक मोहनका ने कहा, "सरकार ने संसदीय समिति की सलाह मान ली है। इसका मतलब है कि अब रिफंड की प्रोसेसिंग का संबंध तय तारीख तक रिटर्न फाइलिंग से नहीं रह गया है। यहां तक कि बिलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने पर भी टैक्सपेयर रिफंड का हकदार होगा।"
स्टैंडर्ड डिडक्शन के कैलकुलेशन के नियम में भी बदलाव
एक दूसरा अहम बदलाव हाउस प्रॉपर्टी पर स्टैंर्डड डिडक्शन के कैलकुलेशन से जुड़ा है। संसदीय समिति ने म्युनिसिपल टैक्स को घटाने के बाद स्टैंडर्ड डिडक्शन का कैलकुलेशन करने की सलाह दी थी। सरकार ने यह सलाह मान ली है। अब प्रॉपर्टी की वैल्यू में से म्युनिसिपल टैक्स को घटाने के बाद स्टैंडर्ड डिडक्शन का कैलकुलेशन होगा। इसे एक उदाहरण की मदद से समझ सकते हैं।
म्युनिसिपल टैक्स घटाने के बाद होगा कैलकुलेशन
मान लीजिए एक प्रॉपर्टी की वैल्यू 100 रुपये है और उस पर 5 रुपये म्युनिसिपल टैक्स चुकाया गया है। ऐसे में 30 फीसदी के स्टैंडर्ड डिडक्शन का कैलकुलेशन 100 रुपये पर नहीं बल्कि 95 रुपये पर होगा। इसका मतलब है कि प्रॉपर्टी की वैल्यू में से म्युनिसिपल टैक्स को घटाने के बाद स्टैंडर्ड डिडक्शन का कैलकुलेशन होगा। मोहनका ने कहा कि नए वर्जन में किए गए इस बदलाव से बाद में स्टैंडर्ड डिडक्शन के कैलकुलेशन को लेकर विवाद की आशंका नहीं रह जाएगी।