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1 अक्टूबर से बदलने वाले हैं ये नियम, जानिये आपकी लाइफ पर क्या होगा असर

1 October 2025: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की शुरुआत गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए साल 2009 में हुई थी। पिछले 16 सालों में यह योजना धीरे-धीरे एक भरोसेमंद रिटायरमेंट विकल्प बन चुकी है। जानिये अब क्या होंगे बदलाव..

अपडेटेड Sep 27, 2025 पर 6:09 PM
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1 October 2025: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की शुरुआत गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए साल 2009 में हुई थी।

1 October 2025: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की शुरुआत गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए साल 2009 में हुई थी। पिछले 16 सालों में यह योजना धीरे-धीरे एक भरोसेमंद रिटायरमेंट विकल्प बन चुकी है। सरकार समय-समय पर इसमें बदलाव करती रही है ताकि यह ज्यादा लोगों तक पहुंच सके और उनकी जरूरतों के हिसाब से काम आ सके। टैक्स छूट, बाजार से जुड़ा निवेश और लचीले विकल्पों की वजह से आज NPS एक लोकप्रिय रिटायरमेंट प्लान बन चुका है।

पिछले 10 सालों में NPS में कई अहम बदलाव हुए हैं। इसमें निवेश के नियम, टैक्स से जुड़े प्रावधान और निकासी (withdrawal) के नियम लगातार अपडेट हुए हैं। हाल ही में सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) शुरू की, लेकिन यह सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है। अब, 1 अक्टूबर 2025 से NPS में फिर से बड़े बदलाव लागू होने वाले हैं।

1 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाले बदलाव


1. 100% इक्विटी में निवेश का विकल्प

अभी तक NPS में इक्विटी (शेयर बाजार) में निवेश की एक सीमा तय थी। लेकिन 1 अक्टूबर 2025 से गैर-सरकारी सब्सक्राइबर चाहें तो अपनी पूरी राशि (100%) इक्विटी में लगा सकेंगे। यह उन्हें ज्यादा रिटर्न पाने का मौका देगा। हालांकि, इसमें जोखिम भी रहेगा क्योंकि शेयर बाजार काफी उतार-चढ़ाव वाला होता है।

2. मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF)

अभी तक एक PRAN परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर पर निवेशक सिर्फ एक स्कीम ही चला सकते थे। लेकिन नए नियमों के बाद निवेशक अलग-अलग CRA सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी की स्कीमें एक ही PRAN के तहत चला पाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि निवेशकों को ज्यादा विकल्प और लचीलापन मिलेगा।

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने ड्राफ्ट नियम जारी किए हैं, जिनमें निकासी और एग्जिट को आसान बनाने की बात कही गई है।

15 साल बाद एग्जिट की सुविधा: अभी तक NPS से बाहर निकलने का विकल्प ज्यादातर रिटायरमेंट 60 साल की उम्र पर ही होता था। नए प्रस्ताव के तहत गैर-सरकारी सब्सक्राइबर 15 साल पूरे होने के बाद चाहें तो एग्जिट कर पाएंगे। इससे उन निवेशकों को राहत मिलेगी जिन्हें बीच में पैसों की जरूरत पड़ती है।

लंप सम और पार्टियल विदड्रॉल आसान: एकमुश्त निकासी (लंप सम) की सीमा बढ़ाने और आंशिक निकासी (partial withdrawal) को आसान बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है। जैसे – घर बनाने, इलाज, बच्चों की पढ़ाई जैसी जरूरतों के लिए पैसा निकालना आसान हो जाएगा।

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