वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 मार्च को डिफेंस और सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स की चिंता दूर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों के वैलिडेशन से पेंशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पेंशन पैरिटी के बारे में उन्होंने कहा कि 1 जनवरी, 2016 से पहले रिटायर सेंट्रल गवर्नमेंट के सभी एंप्लॉयीज को उतनी ही पेंशन मिल रही है जितनी 1 जनवरी, 2016 के बाद रिटायर एंप्लॉयीज को मिल रही है।
डिफेंस और सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स को पेंशन घटने का डर हो गया था
लोकसभा ने फाइनेंस बिल, 2025 (Finance Bill, 2025) के हिस्से के रूप में सेंट्रल पे कमीशन (पेंशन) रूल्स और कंसॉलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया से पेंशन लायबिलिटीज पर खर्च के सिद्धांत से जुड़े वैलिडेशन के कानून को 25 मार्च को पारित कर दिया था। वैलिडेशन से जुड़े इस कानून की वजह से डिफेंस और सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स को अपने पेंशन को लेकर चिंता हो गई थी। उन्हें लग रहा था कि इसके चलते उनकी पेंशन घट सकती है।
वैलिडेशन रूल्स की वजह से पेंशन में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 मार्च को राज्यसभा में कहा, "वैलिडेशन रूल्स की वजह से सिविल पेंशनर्स की मौजूदा पेंशन में किसी तरह का बदलाव नहीं आएगा। वैलिडेशन रूल्स का डिफेंस पेंशनर्स पर किसी तरह का असर पड़ने वाला नहीं है, क्योंकि वे दूसरे रूल्स के तहत आते हैं।" उन्होंने कहा कि 1 जनवरी, 2026 से पहले रिटायर सभी सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स को उन एंप्लॉयीज के बराबर पेंशन मिल रही है, जो 1 जनवरी, 2026 के बाद रिटायर हुए हैं।
वैलिडेशन रूल्स वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा रूल्स का वैलिडेशन छठे सेंट्रल पे कमीशन (सीपीसी) की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह किसी पेंशन रूल्स और इंस्ट्रक्शंस में किसी तरह का संशोधन नहीं है। उम्मीद है कि वित्तमंत्री के इस बारे में सफाई पेश कर देने के बाद डिफेंस और सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स को अपनी पेंशन को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं रह जाएगी।
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अब यूनियन बजट 2025 की प्रक्रिया हो गई है पूरी
ससंद ने 27 मार्च को फाइनेंस बिल, 2025 को भी मंजूरी दे दी। राज्य सभा ने इसे लोकसभा को वापस भेज दिया। लोकसभा पहले ही इसे 25 मार्च को पारित कर चुकी है। राज्य सभा ने एप्रोप्रिएशन बिल (3) को भी वापस कर दिया। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 के यूनियन बजट की प्रक्रिया पूरी हो गई। यूनियन बजट की प्रक्रिया 1 फरवरी को शुरू हुई थी, जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में यूनियन बजट पेश किया था।