आम तौर पर प्राइवेट सेक्टर में बहुत कम कर्मचारी अपनी रिटायरमेंट तक एक ही नौकरी पर बने रहते हैं। कर्मचारी अक्सर बेहतर अवसरों की तलाश में रहते हैं और बेहतर सैलरी पैकेज या करियर ग्रोथ के लिए नौकरी बदलते रहते हैं। जिन लोगों ने कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम किया है, वे इस्तीफा देने के बाद नोटिस पीरियड में काम करने के कॉन्सेप्ट को जानते हैं। हालांकि, नोटिस पीरियड का समय कर्मचारियों की सीनियोरिटी के साथ-साथ कंपनियों के नियमों पर भी निर्भर करता है।
कुछ कंपनियों में नोटिस पीरियड के बगैर भी कर्मचारियों को तुरंत नौकरी छोड़ने का विकल्प मिलता है। हालांकि, उस केस में कंपनी कर्मचारी का पैसा भी काटती है। ये कभी-कभी कर्मचारी के लिए मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर मामलों में जब आप तुरंत नौकरी छोड़ना चाहते हैं, तो आपको अपने पिछले वर्किंग महीने के वेतन से हाथ धोना पड़ता है। यदि आप नोटिस पीरियड पूरा करने के बारे में सोच रहे हैं तो कंपनी आपकी जगह पर सही उम्मीदवार लाती है। नोटिस पीरियड का मतलब होता है कि कंपनी आपकी जगह नया कर्मचारी लाने के लिए समय मांग रही है। ताकि, आपके जाने के बाद कंपनी का काम बिना किसी परेशानी के चल सके।
किसी भी कंपनी को ज्वाइन करने से पहले कर्मचारियों को उनके काम से जुड़े कई डॉक्यूमेंट्स, एचआर मेनुअल और कई नियमों का पालन करना होता है। नोटिस पीरियड की भी जानकारी देनी होती है, कि आप पिछली कंपनी में कितने दिनों का नोटिस पीरियड सर्व कर रहे हैं। नोटिस पीरियड एक महीने से लेकर तीन महीने तक का हो सकता है। ये अलग-अलग कंपनियों के नियमों के मुताबिक अलग होता है। कुछ कंपनियों में नोटिस पीरियड 6 महीने का भी होता है। कुछ कंपनियों में नोटिस पीरियड 15 दिनों का होता है।
यदि कर्मचारी ने ज्वाइनिंग के समय कंपनी की शर्तों को स्वीकार किया है तो नोटिस पीरियड का पालन उसे करना होगा। कई बार जब आप नई कंपनी तुरंत ज्वाइन करना चाहते हैं तो नोटिस पीरियड के कारण परेशानी होती है। उस केस में आप अपनी छुट्टियों को इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा नोटिस पीरियड की जगह कंपनी को बेसिक सैलरी के आधार पर पेमेंट करने का ऑप्शन भी होता है। हालांकि, उस केस में आपको अपनी नई और पुरानी कंपनी के एचआर से बात करनी होगी। ताकि, समस्या को सुलझाया जा सके।