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क्या गवर्नमेंट एंप्लॉयी एक साथ GPF और NPS में इनवेस्ट कर सकता है?

केंद्र सरकार ने अपने एंप्लॉयीज की रिटायरमेंट स्कीम में 2004 में बड़ा बदलाव किया था। दरअसल, 1 जनवरी, 2004 से सरकारी एंप्लॉयीज के लिए एनपीएस लागू कर दिया गया था। इसका मतलब है कि 1 जनवरी, 2004 और इसके बाद केंद्र सरकार में नौकरी शुरू करने वाले लोग एनपीएस के तहत आते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 07, 2024 पर 6:23 PM
क्या गवर्नमेंट एंप्लॉयी एक साथ GPF और NPS में इनवेस्ट कर सकता है?
NPS में इनवेस्टर्स की रिस्क लेने की क्षमता के हिसाब से निवेश का विकल्प उपलब्ध है।

जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) दोनों रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स और इनवेस्टमेंट स्कीमें हैं। दोनों के अलग-अलग नियम हैं। दोनों की अलग-अलग खासियते हैं। दोनों में सबसे बड़ा फर्क यह है कि एनपीएस एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है। इसका मतलब है कि इस स्कीम में सब्सक्राइबर के कंट्रिब्यूशन का हिस्सा शेयरों में निवेश होता है। इसलिए इस स्कीम का रिटर्न शेयरों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। आइए दोनों स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

2004 में रिटायरमेंट स्कीम में बड़ा बदलाव

केंद्र सरकार ने अपने एंप्लॉयीज की रिटायरमेंट स्कीम में 2004 में बड़ा बदलाव किया था। दरअसल, 1 जनवरी, 2004 से सरकारी एंप्लॉयीज के लिए NPS लागू कर दिया गया था। इसका मतलब है कि 1 जनवरी, 2004 और इसके बाद केंद्र सरकार में नौकरी शुरू करने वाले लोग एनपीएस के तहत आते हैं। 31 दिसंबर, 2003 को या इस तारीख से केंद्र सरकार में नौकरी शुरू करने वाले लोग GPF के तहत आते थे। 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार में नौकरी शुरू करने वाले लोगों के लिए जीपीएफ का विकल्प खत्म हो गया।

रिस्क लेने की क्षमता के हिसाब से निवेश का विकल्प

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