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टॉप-अप लोन लेने से पहले सोचें और समझें सारी प्रक्रिया, आसान EMI या लंबा ब्याज बोझ?

टॉप-अप लोन जल्दी और आसान फंडिंग का विकल्प है, लेकिन यह नया कर्ज भी जोड़ देता है। सही फैसला लेने के लिए ब्याज दर, EMI और असली जरूरतों पर ध्यान देना जरूरी है।

Shradha Tulsyanअपडेटेड Nov 30, 2025 पर 3:42 PM
टॉप-अप लोन लेने से पहले सोचें और समझें सारी प्रक्रिया, आसान EMI या लंबा ब्याज बोझ?

आजकल बैंक और वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों को टॉप-अप लोन का ऑफर बड़ी सहजता से देते हैं। अगर आपके पास पहले से होम लोन या पर्सनल लोन है और आपने समय पर किस्तें चुकाई हैं, तो बैंक आपको कम जोखिम वाला ग्राहक मानते हैं। ऐसे में वे बिना ज्यादा दस्तावेज मांगे, तुरंत अतिरिक्त रकम देने को तैयार रहते हैं। सुनने में यह बेहद आकर्षक लगता है जल्दी पैसा, आसान प्रक्रिया और एक ही EMI। लेकिन असलियत थोड़ी अलग है।

टॉप-अप लोन असल में नया कर्ज 

इसे लेने से पहले यह समझना जरूरी है कि यह आपके वित्तीय बोझ को कैसे प्रभावित करेगा। अगर यह रकम जरूरी खर्चों जैसे मेडिकल इमरजेंसी, घर की मरम्मत या बच्चों की पढ़ाई के लिए है, तो यह मददगार साबित हो सकता है। लेकिन अगर इसका इस्तेमाल सिर्फ छुट्टियों, गैजेट्स या लग्जरी खर्चों के लिए किया जा रहा है, तो यह आपके EMI को खतरनाक तरीके से बढ़ा सकता है।

ब्याज दर और टेन्योर पर ध्यान दें

कई बार टॉप-अप लोन की ब्याज दर मूल लोन से थोड़ी ज्यादा होती है। 0.5% से 1% का फर्क भी लंबे समय में बड़ा असर डाल सकता है। साथ ही, बैंक अक्सर टेन्योर बढ़ा देते हैं ताकि EMI कम दिखे। लेकिन इसका मतलब है कि आप ज्यादा सालों तक ब्याज चुकाएंगे।

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