इंडिया में लोग रिटायरमेंट प्लानिंग पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। छुट्टियों में घूमने जाने, कार-घर खरीदने और शादी-विवाह का तो लोग प्लान बनाते हैं, लेकिन रिटायरमेंट प्लानिंग के बारे में नहीं सोचते हैं। ऐसा करना खतरनाक है। सही समय पर रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं करने से व्यक्ति को बाद में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। रिटायरमेंट के बाद उसे जरूरी खर्चों के लिए पैसे की कमी का सामना करना पड़ सकता है। नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) इस समस्या का समाधान पेश कर करता है।
लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार हो जाता है
National Pension System (NPS) रिटायरमेंट बाद के खर्चों के लिए स्मार्ट, स्टेबल और सेक्योर सॉल्यूशन है। इनवेस्टमेंट के दूसरे ऑप्शन से एनपीएस इस मामले में अलग है कि इसे रिटायरमेंट बाद के खर्चों के सॉल्यूशन के लिए तैयार किया गया है। लंबी अवधि में एनपीएस आपको रिटायरमेंट तक बड़ा फंड तैयार करने का मौका देता है। इनवेस्टर्स अपनी क्षमता के हिसाब से एनपीएस में कंट्रिब्यूशन कर सकता है।
टैक्स बेनेफिट्स के लिहाज से काफी अट्रैक्टिव
NPS में निवेश का एक बड़ा फायदा इसका टैक्स बेनेफिट है। अगर आप इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करते हैं तो आप सेक्शन 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाले 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन से यह अलग है। इस टैक्स बेनेफिट्स की वजह से एनपीएस का अट्रैक्शन बढ़ जाता है। 60 साल के होने यानी रिटायरमेंट के वक्त आप एनपीएस के तहत तैयार फंड का 60 फीसदी हिस्सा एकमुश्त प्राप्त कर सकते हैं। यह पूरी तरह से टैक्स-फ्री होता है। बाकी 40 फीसदी फंड का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने के लिए होता है, जिससे हर महीने आपको पेंशन मिलेगी।
फंड मैनेजमेंट कॉस्ट काफी कम
एनपीएस सबसे कम कॉस्ट वाला रिटायरमेंट प्रोडक्ट है। इसमें एनुअल फंड मैनेजमेंट चार्ज सिर्फ 0.2 से 0.25 फीसदी के बीच है। यह म्यूचुअल फंड्स कंपनियों तरफ से वसूले जाने वाले फंड मैनेजटमें चार्ज के मुकाबले काफी कम है। लंबी अवधि यानी 20-30 साल में इस कम कॉस्ट की वजह से सब्सक्राइबर्स का रिटर्न काफी बढ़ जाता है।
18 साल का व्यक्ति निवेश शुरू कर सकता है
18 साल का कोई व्यक्ति एनपीएस में निवेश शुरू कर सकता है। इससे एनपीएस व्यक्ति को बहुत कम उम्र में अपने भविष्य के लिए बड़ा फंड तैयार करने का मौका देता है। दूसरा बड़ा फायदा एसेट एलोकेशन का है। अगर आपको इनवेस्टमेंट की दुनिया की समझ है तो आप एक्टिव चॉइस विकल्प का चुनाव कर सकते हैं। इसमें आपका पैसा शेयर, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स और सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश होगा। अगर आपको एसेट एलोकेशन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप Auto Choice विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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फाइनेंशियल गोल के हिसाब से कर सकते हैं इनवेस्ट
व्यक्ति के रिटायरमेंट प्लान में एनपीएस का होना जरूरी है। आप साथ ही म्यूचुअल फंड्स, फिक्स्ड डिपॉजिट और रियल एस्टेट में भी अपने वित्तीय लक्ष्य के मुताबिक इनवेस्ट कर सकते हैं। अगर आपको यह बोझिल लगता है आप किसी इनवेस्टमेंट एडवाइजर की मदद ले सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटायमेंट प्लानिंग जितनी पहले शुरू की जाती है उसका फायदा उतना ज्यादा होता है।