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NPS Vatasalya: क्या है एनपीएस वात्सल्य स्कीम जिसका ऐलान वित्तमंत्री ने बजट में किया है, क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए?

पहली नजर में देखने पर एनपीएस वात्सल्य स्कीम अट्रैक्टिव लगती है। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट में किया है। यह बच्चों के लिए रिटायरमेंट स्कीम है। इस स्कीम को ध्यान से देखने पर इसकी कई कमियों के बारे में पता चलता है

अपडेटेड Jul 24, 2024 पर 4:12 PM
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एनपीएस वात्सल्य के तहत मातापिता या गार्जियन बच्चे के नाम से अकाउंट ओपन कर सकते हैं।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट में बच्चों के लिए एक नई स्कीम का ऐलान किया। इसका नाम एनपीएस-वात्सल्य है। इस स्कीम में बच्चों के मातापिता या गार्जियन निवेश कर सकते हैं। बच्चे के बालिग होने पर यह प्लान नॉर्मल एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम में कनवर्ट हो जाएगा। इस प्लान के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं आई है। आइए इस प्लान की मुख्य बातों के बारे में जानते हैं।

कौन अकाउंट ओपन कर सकता है?

एनपीएस वात्सल्य (NPS Vatasalya) के तहत मातापिता या गार्जियन बच्चे के नाम से अकाउंट ओपन कर सकते हैं। इसमें उन्हें नियमित रूप से कंट्रिब्यूट करना होगा। बच्चे के बालिग होने पर यह अकाउंट एनपीएस के नार्मल अकाउंट में कनवर्ट हो जाएगा। इसका मतलब यह है कि यह बच्चे के रिटायरमेंट के लिए सेविंग स्कीम है। कॉर्पोरेट सेक्टर में 10-15 फीसदी एंप्लॉयीज ही एनपीएस में कंट्रिब्यूट करते हैं। कई लोगों के लिए अपनी सेविंग्स का पैसा रिटायरमेंट स्कीम में डालने में दिक्कत आती है। इसकी वजह यह है कि रिटायरमेंट स्कीम में लंबी अवधि तक निवेश करना जरूरी है। लोग ऐसी स्कीम में निवेश करना चाहते हैं, जो उनकी छोटी अवधि की जरूरतें भी पूरी कर सके।


क्या हायर एजुकेशन के लिए निवेश किया जा सकता है?

इनवेस्टमेंट प्लैनर का कहना है कि बच्चों के हायर एजुकेशन या उनकी शादी के लिए कई मातापिता सेविंग करना चाहते हैं। लेकिन, बच्चे की रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स करने में उनकी दिलचस्पी कम ही होने की उम्मीद है। अगर कोई मातापिता अपने बच्चे के हायर एजुकेशन के लिए सेविंग करना चाहता है तो एनपीएस वात्सल्य उसका मकसद पूरी नहीं करता है। अभी NPS में अकाउंट ओपन करने के 3 साल बाद 25 फीसदी पैसा निकालने का विकल्प है।

NPS में विड्रॉल के क्या नियम हैं?

एनपीएस में 5 साल तक कंट्रिब्यूट करने के बाद पूरा पैसा निकाला जा सकता है। लेकिन, सिर्फ 20 फीसदी पैसा ही टैक्स-फ्री होगा। बाकी पैसे का निवेश एन्युटी स्कीम में करना जरूरी है। 2.5 लाख रुपये से कम फंड को तय समय से पहले पूरी तरह से निकाला जा सकता है। इन शर्तों को जानने के बाद ऐसा लगता है कि एनपीएस का इस्तेमाल बच्चे के हायर एजुकेशन के लिए नहीं किया जा सकता।

एनपीएस वात्सल्य में कितना विड्रॉल हो सकता है?

मान लीजिए कोई सब्सक्राइबर हर माह 10,000 रुपये का निवेश 10 साल तक करता है। सालाना रिटर्न 10 फीसदी मान लिया जाए तो 10 साल के बाद आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) 3 लाख रुपये की की जा सकती है। समय से पहले 4 लाख रुपये एकमुश्त निकासी की जा सकती है। यह पैसा हायर एजुकेशन की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं है। बच्चों के हायर एजुकेशन का मकसद पूरा करने के लिए एनपीएस वात्सल्य में कई बदलाव करने होंगे।

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क्या आपको कंट्रिब्यूट करना चाहिए?

बच्चे के 18 साल के होने पर टैक्स-फ्री विड्रॉल की सुविधा देनी होगी। ऐसी स्कीम में टैक्स-बेनेफिट होना चाहिए। बच्चों के लिए स्कीम में मातापिता, दादा-दादी जैसे करीबी रिश्तों को कंट्रिब्यूट करने की इजाजत होनी चाहिए। इससे लंबी अवधि में ऐसा फंड तैयार हो सकता है, जो बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए काम आ सकता है। इसलिए जब तक इस स्कीम में बदलाव नहीं कर दिए जाते मातापिता हायर एजुकेशन के लिए सेविंग के वास्ते म्यूचुअल फंड की स्कीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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