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NPS Vatsalya: आप बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए निवेश करना चाहेंगे या उसके रिटायरमेंट के लिए?

NPS Vatsalya स्कीम निवेश के लिए 18 सितंबर से खुल गई है। सरकार ने इस स्कीम का ऐलान 23 जुलाई को किया था। बच्चे के 18 साल का होने पर यह स्कीम एक रेगुलेटर पेंशन अकाउंट में बदल जाएगी। इसका मकसद लंबी अवधि में बच्चे के लिए बड़ा फंड तैयार करना है, जो उसके रिटायरमेंट के बाद काम आएगा

अपडेटेड Sep 21, 2024 पर 11:29 AM
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हायर एजुकेशन जिस तरह से महंगा हो रहा है, उसने कई मातापिता को चिंता में डाल दिया है।

एनपीएस वात्सल्य एक पेंशन स्कीम है। इसके तहत मातापिता अपने बच्चे के लिए तब तक निवेश कर सकते हैं, जब तक वह 18 साल का नहीं हो जाता। सरकार ने इस स्कीम का ऐलान 23 जुलाई को किया था। यह स्कीम 18 सितंबर से खुल गई है। बच्चे के 18 साल का होने पर यह स्कीम एक रेगुलेटर पेंशन अकाउंट में बदल जाएगी। इसका मकसद लंबी अवधि में बच्चे के लिए बड़ा फंड तैयार करना है। लेकिन, यह ध्यान रखें कि चूंकि यह एक पेंशन स्कीम है, जिससे बच्चे के 60 का होने पर ही इसमें जमा कुछ पैसा उसे एकमुश्त मिल पाएगा। बाकी पैसे का इस्तेमाल उसकी पेंशन के लिए एन्युटी खरीदने के लिए होगा। सवाल है कि किसी मातापिता की दिलचस्पी बच्चे के हायर एजुकेशन के लिए बड़ा फंड तैयार करने में होगी या उसके रिटायरमेंट के बाद के खर्च के लिए निवेश करने में होगी?

इंजीनियरिंग, मेडिकल, एमबीए की फीस लाखों रुपये

हायर एजुकेशन जिस तरह से महंगा हो रहा है, उसने कई मातापिता को चिंता में डाल दिया है। खासकर वे मातापिता ज्यादा चिंतित हैं, जो हायर एजुकेशन के लिए अपने बच्चों को विदेश भेजना चाहते हैं। एचएसबीसी की एक स्टडी के मुताबिक, करीब 78 फीसदी अमीर मातापिता अपने बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए विदेश भेजना चाहते हैं या वे भेज चुके हैं। अगर इंडिया में हायर एजुकेशन पर आने वाले खर्च की बात की जाए तो मेडिकल, इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई प्राइवेट इंस्टीट्यूशन से करने के लिए लाखों रुपये की जरूरत पड़ती है।


बच्चों की रिटायरमेंट से पहले मातापिता को खुद की रिटायरमेंट की चिंता

उपर्युक्त स्थितियों को देखते हुए इस बात की संभावना बहुत कम लगती है कि कोई मातापिता बच्चों के हायर एजुकेशन के खर्च का इंतजाम करने से पहले रिटायरमेंट बाद के उसके खर्च के लिए निवेश करना चाहेंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चों के रिटायरमेंट के लिए निवेश शुरू करने से पहले ज्यादातर मातापिता खुद के रिटायरमेंट के लिए निवेश करना चाहेंगे। कई स्टडी से यह साबित हो चुका है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले ज्यादातर लोगों की रिटायरमेंट सेविंग्स पर्याप्त नहीं है।

हायर एजुकेशन के बाद बच्चा खुद रिटायरमेंट के लिए निवेश कर सकता है

प्लानरूपी इनवेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर अमोल जोशी ने कहा, "बच्चे के हायर एजुकेशन का इंतजाम कर देने से वह पढ़ाई के बाद आर्थिक रूप से स्वतंत्र होगा। इससे वह अपने रिटायरमेंट के लिए खुद निवेश कर सकता है।" बच्चों के हायर एजुकेशन के लिए फंड जुटाने के मकसद से PPF, Sukanya Samriddhi और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की स्कीम में SIP के रास्ते निवेश किया जा सकता है। इससे 10-15 साल में अच्छा फंड तैयार हो जाएगा।

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हायर एजुकेशन के लिए 10-15 साल का निवेश पर्याप्त

फिनसेफ इंडिया की फाउंडर मृन अग्रवाल ने कहा, "अगर मातापिता बच्चों के लिए पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की स्कीम में निवेश करते हैं तो बच्चे का हायर एजुकेशन शुरू होने तक अच्छा फंड तैयार हो सकता है।" अगर मातापिता एनपीएस वात्सल्य में निवेश करते हैं तो इससे बच्चे के लिए रिटायरमेंट फंड तो तैयार होगा लेकिन इस पैसे का इस्तेमाल उसके हायर एजुकेशन के लिए नहीं किया जा सकेगा।

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