NPS vs UPS: अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) चुनने की डेडलाइन खत्म होने में बस चंद दिन बचे हुए हैं। जो सरकारी कर्मचारी फिलहाल नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में हैं और रिटायरमेंट के बाद तय पेंशन चाहते हैं, उन्हें 30 सितंबर तक UPS में स्विच करना होगा।
NPS vs UPS: अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) चुनने की डेडलाइन खत्म होने में बस चंद दिन बचे हुए हैं। जो सरकारी कर्मचारी फिलहाल नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में हैं और रिटायरमेंट के बाद तय पेंशन चाहते हैं, उन्हें 30 सितंबर तक UPS में स्विच करना होगा।
केंद्र सरकार ने 24 जनवरी 2025 को UPS का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके बाद जून से लगातार इसमें कई अहम बदलाव किए गए, ताकि यह कर्मचारियों के लिए और आकर्षक हो सके। अब डेडलाइन करीब है, तो जानिए जून से अब तक UPS में हुए आठ बड़े बदलावों के बारे में।
NPS में वापस लौटने का मौका
सरकार ने यह व्यवस्था की है कि अगर कोई कर्मचारी UPS में आता है और आगे चलकर उसे यह व्यवस्था ठीक न लगे, तो वह एक बार फिर NPS में वापस जा सकता है। यह सुविधा केवल एक बार दी जाएगी और पूरे सेवा काल में दोबारा मौका नहीं मिलेगा। इस बदलाव से कर्मचारियों को विकल्प खुला रखने की लचीलापन मिलता है।
सेवा के दौरान मृत्यु या विकलांगता पर सुरक्षा
अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है या वह विकलांग या अमान्य घोषित हो जाता है, तो उसके परिवार को वित्तीय सुरक्षा दी जाएगी। इस स्थिति में लाभ CCS (Pension) Rules या फिर PFRDA (UPS को NPS के तहत लागू करने वाले) नियमों के अनुसार मिलेंगे। इससे कर्मचारियों को यह भरोसा रहेगा कि उनके परिवार की देखभाल हो सकेगी।
लंबित मामलों में भी लाभ
अगर किसी कर्मचारी की रिटायरमेंट के समय विभागीय या न्यायिक कार्यवाही लंबित है, तो भी उसे UPS के फायदे मिलेंगे। पहले ऐसी स्थिति में लाभों पर रोक लग जाती थी, लेकिन अब यह नियम कर्मचारी के पक्ष में बदला गया है। इससे कर्मचारी को अनिश्चितता की स्थिति से बचने में मदद मिलेगी।
टैक्स में राहत
इनकम टैक्स एक्ट, 2025 के तहत UPS सब्सक्राइबर्स को खास टैक्स छूट दी गई है। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि रिटायरमेंट के समय मिलने वाली एकमुश्त रकम को टैक्स से पूरी तरह छूट दी गई है। इसका मतलब है कि पेंशन लाभ के साथ-साथ टैक्स बोझ भी काफी कम होगा।
ग्रेच्युटी का फायदा
UPS में अब कर्मचारियों को रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी दोनों का लाभ मिलेगा। इसका मतलब है कि सेवा समाप्त होने या मृत्यु होने पर परिवार को एकमुश्त रकम मिल सकेगी। यह बदलाव पहले से मौजूद लाभों को और मजबूत करता है और कर्मचारी को सुरक्षा की भावना देता है।
वॉलंटरी रिटायरमेंट पर पेंशन
UPS में यह व्यवस्था की गई है कि अगर कोई कर्मचारी 20 साल की क्वालिफाइंग सर्विस पूरी करने के बाद स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेता है, तो उसे प्रा-राटा यानी अनुपात के हिसाब से तय पेंशन मिलेगी। यह बदलाव उन कर्मचारियों के लिए राहत है जो जल्दी नौकरी छोड़ना चाहते हैं। इससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद भी आय का भरोसा मिलेगा।
PSU या स्वायत्त निकाय में भी मान्य
अगर कोई कर्मचारी अपनी सेवा अवधि के दौरान किसी पब्लिक सेक्टर कंपनी (PSU) या स्वायत्त निकाय में अब्जॉर्ब हो जाता है, तो भी उसे UPS का लाभ मिलता रहेगा। इसका मतलब यह है कि नौकरी बदलने पर भी पेंशन से जुड़े फायदे खत्म नहीं होंगे। यह नियम UPS को ज्यादा लचीला बनाता है।
डेडलाइन बढ़ाई गई
सरकार ने UPS चुनने की शुरुआती डेडलाइन को भी बढ़ाया। अब यह 30 सितंबर है। इतना ही नहीं, जो कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं, वे भी अब UPS में स्विच कर सकते हैं। इस बदलाव से नए कर्मचारियों को भी योजना का फायदा लेने का मौका मिला है।
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