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ऑनलाइन शॉपिंग में पेमेंट से पहले 5 बार सोच लेना जरूरी है, जानिए इस हफ्ते लखनऊ की अंजली के साथ क्या हुआ

फ्रॉड करने वाले ब्रांडेड कंपनियों की फेक वेबसाइट बना रहे हैं। उस पर वे बहुत कम प्राइस पर प्रोडक्ट्स डिस्प्ले करते हैं। प्रोडक्ट्स को सेलेक्ट करने के बाद उसका पेमेंट करना होता है। पेमेंट करने पर पैसा आपके अकाउंट से निकल जाता है। वेबसाइट ट्रांजेक्शन को अनसक्सेसफुल दिखाती है

अपडेटेड Mar 02, 2023 पर 7:28 PM
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ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त यह पता कर लें कि जिस साइट से आप खरीदारी कर रहे हैं वह कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट है या नहीं।

काम के दौरान कई बार दोस्त या रिश्तेदार से बात करना मुश्किल होता है। मुझे 1 मार्च को शाम करीब 5 बजे अंजली ने फोन किया। मैंने यह सोचकर फोन नहीं उठाया कि एक-डेढ़ घंटे के बाद कॉलबैक कर लूंगा। लेकिन, वह लगातार कॉल करती रही। तीसरी बार मैंने फोन पिक किया। पूछा कि क्या कोई इमर्जेंसी है? उसने कहा कि 2 मिनट बात करनी है। उसने बताया कि थोड़ी देर पहले उसने एक वेबसाइट पर शॉपिंग की है। पैसे अकाउंट से कट गए हैं, लेकिन वेबसाइट पर ट्रांजेक्शन अनसक्सेसफुल दिख रहा है। उसने यह भी कहा कि उसने वेसाइट पर दिए गए फोन नंबर पर फोन किया तो पता चला कि यह नंबर एग्जिस्ट नहीं करता है। वह थोड़ी घबराई हुई लगी। मैंने कहा कि आधे घंटे बाद मैं तुम्हें फोन करता हूं।

पहले मामले को पूरी तरह समझें

मैं जल्द ऑफिस का काम निपटाने की कोशिश करने लगा। इस बीच मेरे दिमाग में उसकी बातें गूंजती रहीं। दरअसल, अब तक कभी मेरे या मेरे किसी करीबी के साथ ऐसा नहीं हुआ था। इसलिए मुझे पता नहीं था कि ऐसे मामलों में सबसे पहले क्या करना होता है। मुझे यह भी लगा कि हो सकता है कि सर्वर में दिक्कत की वजह से ट्रांजेक्शन अनसेक्सफुल दिखा रहा होगा। कंपनी का फोन नंबर बदल गया होगा। इसलिए अंजली से पूरी बात समझने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।


काम खत्म करने के बाद मैं सीधे अंजली के घर पहुंच गया। उसने बताया कि वह एक प्रतिष्ठित मीडिया कंपनी की वेबसाइट पर शेयर मार्केट से जुड़ी एक खबर पढ़ रही थी। उसे खबर की साइड में ईयरबड्स का ऐड दिखा। उसने उस पर क्लिक किया। एक नई साइट खुली, जो एक ब्रांडेड कंपनी की वेबसाइट लग रही थी। उस पर ईयरबड्स की कीमतें रियल प्राइसे की एक-तिहाई थी। अंजली ने बताया कि अभी ईयर-एंड चल रहा है, इसलिए कंपनी सेल में अपने प्रोडक्ट्स सस्ते में निकाल रही होगी।

ब्रांडेड कंपनियों की फेक वेबसाइट बना रहे फ्रॉडस्टर्स

अंजली ने बताया कि उसने अपनी पसंद के ईयरबड को सेलेक्ट करने के बाद उसका पेमेंट करने की कोशिश की। पहली दफा उसने यूपीआई के जरिए फोनपे से पेमेंट करने की कोशिश की। लेकिन, पेमेंट फेल कर गया। दूसरी बार उसने पेटीएम से पेमेंट करने की कोशिश की तो पेमेंट हो गया। लेकिन, वेबसाइट पर अनसक्सेसफुल का मैसेज दिखा। उसने पेटीएम पर दोबारा पेमेंट हिस्ट्री चेक की तो देखा कि पैसे तो कट गए हैं। फिर, उसने वेसाइट पर दिए गए नंबर पर फोन किया तो रिकॉर्डेड मैसेज मिला कि यह नंबर एग्जिस्ट नहीं करता है। तब उसे कुछ शक हुआ। उसने कहा कि वेबसाइट के सबसे नीचे हेल्प के लिए एक ईमेल आईडी दिया गया था। उसने इस पर मेल किया। कुछ ही देर बाद मेल रिटर्न आ गया। उसके साथ मैसेज था कि यह ईमेल आईडी एग्जिस्ट नहीं करता है।

ऑनलाइन कर सकते हैं शिकायत

इतना जानने के बाद यह पक्का हो गया है कि अंजली साइबर फ्रॉड का शिकार हुई है। चूंकि यह अमाउंट सिर्फ 1200 रुपये था, इसलिए चिंता की बड़ी बात नहीं थी। मैंने सबसे पहले उसे अपना बैंक अकाउंट का बैलेंस चेक करने को कहा, जिससे पैसे कटे थे। चेक करने के बाद बताया कि कटे पैसे को छोड़ अकाउंट में बाकी पैसे हैं। यह सुनकर जान में जान आई। मैंने सुना था कि साइबर फ्रॉड अकाउंट में जमा पूरे पैसे साफ कर देते हैं। मैंने गूगल पर National Cyber Crime Reporting Portal सर्च करने के बाद कंप्लेन रजिस्टर कराया। उस पर ट्रांजेक्शन से जुड़ी कई जानकारियां भरनी पड़ी।

रोजाना लाखों लोग बन रहे शिकार

सवाल है कि ऐसी फर्जी वेबसाइट बनाकर रोजाना कितने लोगों को चूना लगाया जा रहा है? फ्रॉड का शिकार होने के बाद कितने लोग अपना कंप्लेन दर्ज कराते हैं? नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल कितने दिनों में ऐसे मामलों का निपटारा करता है? क्या अकाउंट का पैसा वापस मिलता है? ऐसी फर्जी वेबसाइटों को इंटरनेट पर होस्ट करने की इजाजत क्यों दी जाती है? Paytm जैसी साइट फ्रॉड करने वाले लोगों को अपना आईडी बनाने की इजाजत क्यों देती है? क्या KYC के बावजूद गलत लोग अपना आईडी बनाने में सफल हो रहे हैं?

ई-शॉपिंग में बरतें ज्यादा सावधानी

इन सवालों का जवाब तलाश करना मुश्किल है। आसान यह है कि आप शॉपिंग करते वक्त बहुत ज्यादा सावधानी बरतें। इसकी वजह यह है कि आपकी मेहनत की कमाई एक सेकेंड में आपके हाथ से निकलकर फ्रॉड करने वाले लोगों के हाथ में पहुंच जाती है। आपके पास शिकायत कराने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं रह जाता। फ्रॉड की रकम ज्यादा होने पर आपका बजट तक बिगड़ सकता है।

अंजली के मामले को समझने के बाद फ्रॉड का शिकार बनने से बचने के लिए मुझे कुछ बातें समझ में आई जो मैं आपको बता रहा हूं।

1. अगर किसी वेबसाइट पर प्रोडक्ट्स के प्राइस उसके मार्केट प्राइस के मुकाबले बहुत कम हैं तो आपको संदेह करना चाहिए।

2. मैंने देखा कि अंजली ने जिस साइट से खरीदारी की थी, उस पर सभी प्रोडक्ट्स के दाम एक समान थे। आम तौर पर ऐसा नहीं होता।

3. वेबसाइट के आखिर में आम तौर पर कंपनी के बारे में कई तरह की जानकारियां होती हैं। उस साइट पर सिर्फ दो-तीन बातें लिखी थीं।

4. अंजली ने जिस साइट से खरीदारी की थी, उस पर कंपनी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। सिर्फ बेंगलुरू का एक पता दिया था।

5. अंजली ने यह जानने की कोशिश नहीं की थी कि जिस ब्रांडेड कंपनी का वह प्रोडक्ट खरीद रही है, क्या यह उसकी ऑफिशियल साइट है।

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