Operation Sindoor: स्टॉक मार्केट किसी भी दिशा में जा सकता है, ऐसे में इनवेस्टर्स को क्या करना चाहिए?

Stock Markets: एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को मौजूदा माहौल को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। 7 मई को स्टॉक मार्केट्स पर ऑपरेशन सिंदूर का ज्यादा असर नहीं दिखा। हालांकि मार्केट्स में शॉर्ट टर्म में उतारचढ़ाव दिख सकता है। लेकिन, मध्यम और लंबी अवधि में मार्केट की तस्वीर बेहतर दिख रही है

अपडेटेड May 07, 2025 पर 4:01 PM
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2:44 बजे सेंसेक्स 100 अंक चढ़कर 80,740 प्वाइंट्स पर चल रहा था। निफ्टी में भी 40 अंक की तेजी थी।

स्टॉक मार्केट्स पर पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई का असर नहीं दिखा। 2:44 बजे सेंसेक्स 100 अंक चढ़कर 80,740 प्वाइंट्स पर चल रहा था। निफ्टी में भी 40 अंक की तेजी थी। यहां तक कि शेयर बाजार की दिशा का संकेत देने वाला वोलैटिलिटी इंडेक्स में गिरावट दिख रही थी। इसके गिरने पर मार्केट में तेजी आती है और इसके चढ़ने पर मार्केट में गिरावट आती है। हालांकि, निवेशकों में डर का माहौल है। उन्हें लगता है कि अगर पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की तो दोनों देशों के बीच युद्ध भड़क सकता है।

निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं

सवाल है कि ऐसे माहौल में इनवेस्टर्स को क्या करना चाहिए? एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। मार्केट्स (Stock Markets) में शॉर्ट टर्म में उतारचढ़ाव दिख सकता है। लेकिन, मध्यम और लंबी अवधि में मार्केट की तस्वीर बेहतर दिख रही है। मनी मंत्रा के फाउंडर विराल भट्ट ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि ऐसी घटनाओं के बाद इंडियन मार्केट में जल्द रिकवरी आती है।


गिरावट के बाद जल्द मार्केट में आती है रिकवरी

1999 के कारगिल युद्ध और फिर 2019 में बालाकोट हमले के बाद मार्केट में गिरावट आई थी। लेकिन, कुछ ही हफ्तों के अंदर मार्केट फिर से तेजी के रास्ते पर चल पड़ा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी घटनाएं शायद ही कभी लंबी अवधि में मार्केट पर असर डालती हैं। भट्ट ने कहा, "निवेशकों को जज्बात में नहीं आना चाहिए। इस मौके का इस्तेमाल अपने एसेट ऐलोकेशन की समीक्षा के लिए करना चाहिए। डायवर्सिफिकेशन पर फोकस बनाए रखते हुए उन्हें लंबी अवधि के फाइनेंशियल गोल को ध्यान में रखना चाहिए।"

दोनों देशों में युद्ध भड़कने पर होगी चिंता

कोटक म्यूचुअल फंड ने कहा है कि सरकार के एक्शन से लगता है कि युद्ध की संभावना नहीं के बराबर है। लेकिन, दोनों देशों के बीच युद्ध भड़कता है तो भी इसका मार्केट पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। 1950 से इंडिया चार बड़े युद्ध का सामना करना चुका है। अंतिम बार 1999 में कारगिल की लड़ाई को हमने देखा है। तब शुरुआती झटकों के बाद इंडियन स्टॉक मार्केट्स में शानदार तेजी देखने को मिली थी। गोलटेलर के फाउंडर विवेक बंका ने कहा कि अगर दोनों देशों में युद्ध पूरी तरह भड़कता है तो चिंता हो सकती है।

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आपको क्या करना चाहिए?

कोटक म्यूचुअल फंड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मार्केट की दिशा के बारे में कुछ कहना मुश्किल है। लेकिन, इनवेस्टर्स को खबरों पर ज्यादा ध्यान दिए बगैर लंबी अवधि के अपने निवेश को जारी रखना चाहिए। इससे लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के टारगेट पर खराब असर नहीं पड़ेगा। जहां तक इंडिया की इकोनॉमी की बात है तो उसे लेकर किसी तरही की चिंता नहीं है। मायवेल्थग्रोथ के को-फाउंडर हर्ष चेतनवाला ने कहा कि अगर किसी इनवेस्टर का लक्ष्य छह महीने या एक साल दूर है तो उसे धीरे-धीरे अपने पैसे निकालना शुरू कर देना चाहिए।

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