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पर्सनल लोन रिफाइनेंसिंग से EMI का बोझ हल्का होगा, ब्याज बचाएं और लें वित्तीय आजादी!

पर्सनल लोन रिफाइनेंसिंग में आप पुराने हाई-इंटरेस्ट लोन को कम ब्याज वाले नए लोन से बदलकर EMI और कुल ब्याज दोनों घटा सकते हैं। यह कदम तब सबसे फायदेमंद होता है जब आपकी इनकम या क्रेडिट स्कोर सुधर चुका हो और नए लेंडर बेहतर रेट और शर्तें देने को तैयार हों।

Shradha Tulsyanअपडेटेड Dec 12, 2025 पर 9:17 PM
पर्सनल लोन रिफाइनेंसिंग से EMI का बोझ हल्का होगा, ब्याज बचाएं और लें वित्तीय आजादी!

आजकल पर्सनल लोन की EMI का बोझ कई परिवारों पर भारी पड़ रहा है, लेकिन एक स्मार्ट कदम इसे हल्का कर सकता है रिफाइनेंसिंग। पुराने हाई-इंटरेस्ट लोन को नए कम ब्याज वाले लोन से बदलना न सिर्फ मासिक किस्त कम करता है, बल्कि कुल ब्याज खर्च भी घटाता है। फिनटेक प्लेटफॉर्म्स की तेज प्रोसेसिंग और बैंकिंग कॉम्पिटिशन के चलते 2025 में यह ऑप्शन पहले से ज्यादा आकर्षक हो गया है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर सुधरा है या इनकम बढ़ी है, तो यह मौका हाथ से न जाने दें।

रिफाइनेंसिंग कैसे काम करती है?

सबसे पहले पुराने लोन का बैलेंस चेक करें और नए लेंडर की दरें तुलना करें जैसे 15% से 11% पर शिफ्ट। नया लोन लेकर पुराना क्लोज करें, बाकी रकम नई टेन्योर पर EMI में बांटें। फायदे? EMI 20-30% तक गिर सकती है, टेन्योर बढ़ाकर कैश फ्लो आसान। 2 लाख का लोन 15% पर 3 साल का था, रिफाइनेंस पर 12% और 5 साल टेन्योर से EMI आधी हो जाएगी। लेकिन कुल ब्याज बचत कैलकुलेटर से जांचें।

मुख्य फायदे: EMI से लेकर डेब्ट कंसॉलिडेशन तक

- कम ब्याज: मार्केट रेट गिरे तो 2-3% सेविंग, लाखों की बचत लॉन्ग टर्म में।

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