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सिर्फ रजिस्ट्री से नहीं बन सकते प्रॉपर्टी के मालिक, घर-जमीन खरीदते समय जरूर चेक करें ये दस्तावेज

Supreme Court property verdict: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रजिस्ट्री से मालिकाना हक साबित नहीं होता। प्रॉपर्टी खरीदते वक्त सिर्फ सेल डीड नहीं, बल्कि साफ टाइटल और सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच बेहद जरूरी है, वरना बड़ा नुकसान हो सकता है।

Suneel Kumarअपडेटेड Jun 25, 2025 पर 10:44 PM
सिर्फ रजिस्ट्री से नहीं बन सकते प्रॉपर्टी के मालिक, घर-जमीन खरीदते समय जरूर चेक करें ये दस्तावेज
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव आ सकता है।

Supreme Court property verdict: अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला आपके लिए अहम हो सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ रजिस्टर्ड सेल डीड होने का मतलब यह नहीं कि संपत्ति पर आपका कानूनी मालिकाना हक साबित हो गया। रजिस्ट्रेशन केवल ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड है, मालिकाना हक की पुष्टि नहीं।

क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी भवना कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी से जुड़े एक केस में आई, जिसने 1982 में 53 एकड़ जमीन खरीदने का दावा किया था। इस जमीन का बाद में एक हिस्सा महनूर फातिमा इमरान जैसी कई खरीदारों को बेचा गया। सभी के पास रजिस्टर्ड डीड्स थीं, लेकिन कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या भवना सोसायटी के पास इस जमीन का स्वामित्व वास्तव में था भी या नहीं।

रजिस्ट्री क्यों पर्याप्त नहीं है?

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