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Temple-Dargah Clash: तमिलनाडु के मदुरै में मंदिर-दरगाह का क्या है विवाद? 'कार्तिगई दीपम' को लेकर भारी तनाव, पुलिस अलर्ट

Tamil Nadu Temple-Dargah Deepam Clash: अदालत के पूर्व के निर्देश के बावजूद, बुधवार शाम 'कार्तिगई दीपम' के अवसर पर तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर दरगाह के पास प्राचीन स्तंभ पर दीप नहीं जलाया गया। इसके कारण हिंदू मुन्नानी के कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं के एक वर्ग ने प्रदर्शन किया। दीपम उत्सव बड़े ही भव्य तरीके से मनाया जाता है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Dec 03, 2025 पर 10:54 PM
Temple-Dargah Clash: तमिलनाडु के मदुरै में मंदिर-दरगाह का क्या है विवाद? 'कार्तिगई दीपम' को लेकर भारी तनाव, पुलिस अलर्ट
Tamil Nadu Temple-Dargah Deepam Clash: तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर भगवान सुब्रमण्यम स्वामी का मंदिर और सिकंदर बादशाह दरगाह भी स्थित है

Tamil Nadu Temple-Dargah Deepam Clash: तमिलनाडु के मदुरै जिले में आसपास मौजूद एक प्राचीन मंदिर और दरगाह के पास भारी विरोध-प्रदर्शन के बाद तनाव का माहौल है। अदालत के पूर्व के निर्देश के बावजूद, बुधवार शाम 'कार्तिगई दीपम' के अवसर पर तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर दरगाह के पास प्राचीन स्तंभ पर दीप नहीं जलाया गया। इसके कारण हिंदू मुन्नानी के कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं के एक वर्ग ने प्रदर्शन किया। दीपम उत्सव बड़े ही भव्य तरीके से मनाया जाता है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

दरअसल, तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर भगवान सुब्रमण्यम स्वामी का मंदिर और साथ में सिकंदर बादशाह दरगाह भी स्थित है। श्रद्धालुओं के एक वर्ग और तिरुप्परनकुंद्रम मंदिर मैनेजमेंट के बीच गतिरोध के बाद मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने बुधवार (3 दिसंबर) को याचिकाकर्ता को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की सुरक्षा घेरे में पहाड़ी के प्राचीन स्तंभ पर दीप जलाने का निर्देश दिया।

प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि दीप को प्राचीन स्तंभ 'दीपथून' पर जलाया जाए जैसा कि पीठ ने निर्देश दिया था। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने एक दिसंबर को अपने आदेश में कहा था कि सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के मैनेजमेंट को तीन दिसंबर को 'कार्तिगई दीपम' पर दीप जलाने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।

अदालत का सख्त आदेश

पीटीआई के मुताबिक, अदालत के निर्देश के बावजूद तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर दीप नहीं जलाया गया। इसे तमिल महीने कार्तिगई (नवंबर-दिसंबर) में मनाए जाने वाले 'कार्तिगई दीपम' उत्सव के तहत, हमेशा की तरह उच्ची पिल्लैयार मंदिर के मंडपम में जलाया गया। कुछ प्रदर्शनकारी दीप जलाने के लिए पहाड़ी पर चढ़ने लगे। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें पहाड़ी पर चढ़ने से रोक दिया।

मंदिर मैनेजमेंट ने शाम छह बजे होने वाले बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले अदालत में अपील दायर की। इसमें दावा किया गया कि इस कदम से सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित हो सकता है। याचिकाकर्ता रामा रविकुमार ने अदालत से मंदिर मैनेजमेंट के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी।

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