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हाउसिंग लोन से जुड़े 12 टर्म्स, यहां जानें पूरी डिटेल ताकि लोन लेते समय न हो मुश्किल

Home Loan: घर खरीदना केवल कोई भी फाइनेंशियल फैसला नहीं है। हर एक परिवार के लिए अपना घर खरीदना एक सपने की तरह है। होम लोन से जुड़े कई ऐसे शब्द हैं जो जिनके आधार पर फैसला लेना होता है। कई बार टर्म्स नहीं पता होने पर कोई भी फैसला लेना चुनौतीपूर्ण हो सकता है

अपडेटेड Nov 18, 2024 पर 3:09 PM
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घर खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो होम लोन और घर खरीदने से जुड़ी सभी टर्म्स को अच्छे से जान लें।

Home Loan: घर खरीदना केवल कोई भी फाइनेंशियल फैसला नहीं है। हर एक परिवार के लिए अपना घर खरीदना एक सपने की तरह है। होम लोन से जुड़े कई ऐसे शब्द हैं जो जिनके आधार पर फैसला लेना होता है। कई बार टर्म्स नहीं पता होने पर कोई भी फैसला लेना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अगर आप भी घर खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो होम लोन और घर खरीदने से जुड़ी सभी टर्म्स को अच्छे से जान लें। ताकि, समझने और फैसला लेने में किसी भी तरह की परेशानी न हो।

1. प्रिंसिपल अमाउंट (Principal Amount)

यह वह अमाउंट है जिसे आप बैंक या लोनदाता से उधार लेते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपको घर खरीदने के लिए ₹40 लाख की आवश्यकता है, तो यह ₹40 लाख आपका प्रिंसिपल है। ये वो अमाउंट है, जितना आप लोन लेते हैं।

2. ईएमआई (Equated Monthly Instalments)


ईएमआई वह मंथली पेमेंट है, जिसके जरिए आप लोन चुकाते हैं। इसमें प्रिंसिपल और ब्याज दोनों शामिल होते हैं। अधिक लोन अमाउंट या ब्याज दर का मतलब है ज्यादा ईएमआई।

3. ब्याज दर (Interest Rate)

यह वह फीस है जो लोनदाता आपको पैसा उधार देने के लिए वसूलता है। यह दो तरह की होती है:

फिक्स्ड रेट: लोन पीरियड के दौरान नहीं बदलती।

फ्लोटिंग रेट: बाजार स्थितियों के अनुसार बदलती है, जिससे ईएमआई बढ़ या घट सकती है।

4. लोन पीरियड (Loan Tenure)

यह वह पीरियड है जिसमें आप लोन चुकाते हैं। भारत में होम लोन लेने पीरियड आमतौर पर 5 से 30 साल होती है। लंबी पीरियड का मतलब है छोटी EMI लेकिन कुल ब्याज अधिक।

5. एलटीवी (Loan-to-Value Ratio)

यह प्रॉपर्टी की कीमत का वह प्रतिशत है जो बैंक लोन के रूप में देता है। उदाहरण के लिए अगर प्रॉपर्टी ₹50 लाख की है और बैंक 80% एलटीवी देता है, तो आप ₹40 लाख का लोन ले सकते हैं। ₹10 लाख आपका डाउन पेमेंट होगा।

6. प्रोसेसिंग फीस (Processing Fee)

लोन अप्लाई की प्रक्रिया के लिए बैंक की ली गई एक बार की फीस। यह आमतौर पर लोन अमाउंट का 0.25% से 1% तक होता है।

7. प्रीपेमेंट और फोरक्लोजर (Prepayment and Foreclosure)

प्रीपेमेंट: लोन पीरियड खत्म होने से पहले लोन का कुछ हिस्सा चुका देना। यह ब्याज और प्रिंसिपल को कम करता है।

फोरक्लोजर: लोन की पूरी अमाउंट पीरियड खत्म होने से पहले चुका देना। कुछ बैंक इसके लिए जुर्माना लगाते हैं।

8. क्रेडिट स्कोर (Credit Score)

आपकी क्रेडिट योग्यता को दर्शाने वाला स्कोर। 750 से ऊपर का स्कोर होम लोन पर बेहतर ब्याज दर पाने के लिए बेस्ट माना जाता है।

9. मार्जिन मनी (Margin Money)

यह वह अमाउंट है जो आपको खुद जुटाना होती है, आमतौर पर प्रॉपर्टी के मूल्य का 10–20%। बैंक इस हिस्से को कवर नहीं करता।

10. बैलेंस ट्रांसफर (Balance Transfer)

यदि कोई दूसरा लोनदाता कम ब्याज दर दे रहा है, तो आप अपने लोन को वहां ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे ईएमआई का बोझ कम हो सकता है।

11. स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन (Stamp Duty and Registration)

प्रॉपर्टी को आपके नाम पर पंजीकृत करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लिया जाने वाला फीस। यह लोन का हिस्सा नहीं होता लेकिन घर खरीद की कुल लागत बढ़ा देता है।

12. मोरेटोरियम पीरियड (Moratorium Period)

यह एक ग्रेस पीरियड है, जिसमें आपको लोन चुकाना शुरू नहीं करना होता। यह आमतौर पर निर्माण के दौरान या लोन बांटने के बाद कुछ समय के लिए दिया जाता है।

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MoneyControl News

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First Published: Nov 18, 2024 3:05 PM

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