महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने दक्षिणी मुंबई में कमाठीपुरा क्लस्टर रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए लंबे समय से पेंडिंग टेंडर आखिरकार जारी कर दिया। इसे कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट मॉडल में जारी किया गया है। कमाठीपुरा एरिया को रीडेवलपमेंट की सख्त जरूरत है। इस टेंडर का जारी होना इस क्षेत्र के लिए एक नई उम्मीद बनकर आया है।
MHADA के अनुसार, 34 एकड़ जमीन वाले कमाठीपुरा में 8,001 रेजिडेंशियल और नॉन-रेजिडेंशियल किरायेदार हैं। उनमें से कई लोग बेहद पुराने, जीर्ण-शीर्ण हालत और खराब गुणवत्ता वाले घरों में रहते हैं, जिन्हें "सेस बिल्डिंग" के रूप में जाना जाता है। कमाठीपुरा क्षेत्र में लेन 1 से 15 तक लगभग 943 सेस बिल्डिंग हैं। इनमें लगभग 6625 रेजिडेंशियल और 1376 नॉन-रेजिडेंशियल किरायेदार/निवासी हैं। इस क्षेत्र की बिल्डिंग्स लगभग 100 साल पुरानी हैं।
विनिंग बिडर के पास होंगे 61 लाख वर्ग फीट का एरिया डेवलप करने के अधिकार
MHADA, किफायती आवास के लिए महाराष्ट्र राज्य का नोडल प्राधिकरण है। MHADA ने एक बयान में कहा कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, जीतने वाले बिडर के पास लगभग 5.67 लाख वर्ग मीटर या लगभग 61 लाख वर्ग फीट का एरिया डेवलप करने के अधिकार होंगे। इसके अलावा, बोली लगाने वाले डेवलपर को क्षेत्र में निवासियों के लिए पुनर्वास इकाइयों (Rehabilitation Units) का निर्माण करना होगा। साथ ही MHADA को 44,000 वर्ग मीटर जमीन सौंपनी होगी, ताकि MHADA अपने हाउसिंग स्टॉक को बढ़ा सके। इस प्रोजेक्ट में मनोरंजन की सुविधाओं के साथ-साथ कमर्शियल प्रॉपर्टीज जैसी सुविधाएं भी शामिल होंगी।
कमाठीपुरा, एशिया के सबसे बड़े रेड-लाइट जिलों में से एक है। कमाठीपुरा में पुरुष, महिला और ट्रांसजेंडर, हर तरह के सेक्स वर्कर हैं। इनमें से ज्यादातर सेक्स ट्रैफिकिंग का शिकार माने जाते हैं।