सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के नियमों में बदलाव किए हैं। नाबालिग से नाम से खोले गए अकाउंट, एक से ज्यादा पीपीएफ अकाउंट और एनआरआई से जुड़े पीपीएफ अकाउंट इसके दायरे में आएंगे। सरकार ने पिछले महीने इस बदलाव से जुड़ा सर्कुलर जारी किया। ये बदलाव क्या हैं, इनका क्या असर पड़ेगा? इससे पहले पीपीएफ के बारे में बुनियादी बातें जान लेना ठीक रहेगा। पीपीएफ लंबी अवधि के निवेश की स्कीम है। सरकार की स्कीम होने की वजह से इसमें निवेश पूरी तरह से सुरक्षित है। साथ ही इसका रिटर्न भी अट्रैक्टिव है। पीपीएफ अकाउंट 15 साल में मैच्योर हो जाता है। नए नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे।
नाबालिग के 18 साल का होने पर पीपीएफ का इंटरेस्ट रेट लागू होगा
सरकार ने कहा है कि नाबालिग के नाम से खोले गए पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) में जमा पैसे पर तब तक पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स अकाउंट जितना इंटरेस्ट मिलेगा जब तक नाबालिग की उम्र 18 साल नहीं हो जाती। उसके बाद इस स्कीम में पीपीएफ का इंटरेस्ट रेट लागू होगा। इस अकाउंट के मैच्योरिटी पीरियड का कैलकुलेशन नाबिलग के बालिग हो जाने की तारीख से होगा। कई लोग नाबालिग के नाम से पीपीएफ अकाउंट ओपन करते हैं।
बगैर रेजिडेंसी डिटेल वाले NRI अकाउंट पर अक्टूबर से जीरो इंटरेस्ट
सरकार ने एनआरआई के पीपीएफ अकाउंट के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की है। अभी एनआरआई के ऐसे पीपीएफ अकाउंट जिनमें रेजिडेंसी की डिटेल की जरूरत नहीं होती है, उनमें पोस्ट ऑफिस के सेविंग्स अकाउंट जितना इंटरेस्ट मिलता है। अब यह इंटरेस्ट रेट 30 सितंबर, 2024 तक ही मिलेगा। उसके बाद ऐसे अकाउंट पर इंटरेस्ट रेट घटकर जीरो हो जाएगा। इसलिए एनआरआई को 1 अक्तूबर से नए नियम लागू होने से पहले अपने अकाउंट के बारे में ठीक तरह से पता कर लेने की जरूरत है। वे चाहे तो इस बारे में फाइनेंशियल एडवाइजर की राय ले सकते हैं।
सिर्फ प्राइमरी अकाउंट पर पीपीएफ का इंटरेस्ट रेट लागू होगा
अगर किसी निवेशक ने एक से ज्यादा पीपीएफ अकाउंट ओपन किए हैं तो उसके सिर्फ प्राइमरी अकाउंट में पीपीएफ का इंटरेस्ट रेट लागू होगा। यह इंटरेस्ट उस अधिकतम पैसे पर मिलेगा, जिसके सालाना निवेश की इजाजत इस स्कीम में है। अतिरिक्त अमाउंट को जीरो फीसदी इंटरेस्ट के साथ निवेशक को वापस कर दिया जाएगा। दूसरे अकाउंट के बैलेंस को प्राइमरी अकाउंट में डाल दिया जाएगा।