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Sovereign Gold Bonds: अगस्त 2016 के इश्यू के लिए फाइनल रिडेंप्शन प्राइस तय, बॉन्ड होल्डर्स को होगा 122% का फायदा

Sovereign Gold Bonds Redemption Price: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड गवर्मेंट सिक्योरिटीज हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक RBI, सरकार की ओर से जारी करता है। बॉन्ड में कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को जॉइंट में या फिर नाबालिग के नाम पर भी खरीद सकते हैं। बॉन्ड होल्डर्स को 2.5 प्रतिशत सालाना का ब्याज भी मिलता है

अपडेटेड Aug 03, 2024 पर 7:55 AM
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RBI ने 5 अगस्त, 2016 को जारी हुए SGB के लिए 5 अगस्त 2024 को फाइनल रिडेंप्शन डेट निर्धारित किया है।

Sovereign Gold Bonds: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5 अगस्त, 2016 को जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs) के लिए फाइनल रिडेंप्शन प्राइस 6,938 रुपये प्रति ग्राम घोषित किया है। यह बॉन्ड होल्डर्स के लिए 122 प्रतिशत का फायदा दर्शाता है। SGB अगस्त 2016 में 3119 रुपये प्रति ग्राम की कीमत पर जारी किए गए थे। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है। जारी किए गए बयान में आरबीआई ने 5 अगस्त, 2016 को जारी हुए SGB के लिए 5 अगस्त 2024 को फाइनल रिडेंप्शन डेट निर्धारित किया है।

RBI ने कहा कि SGB का रिडेंप्शन प्राइस, रिडेंप्शन की तारीख से पहले के सप्ताह (सोमवार-शुक्रवार) के लिए इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड की ओर से जारी 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत पर बेस्ड होगा। इस आधार पर 5 अगस्त, 2024 को होने वाले फाइनल रिडेंप्शन के लिए रिडेंप्शन प्राइस 29 जुलाई-2 अगस्त, 2024 के सप्ताह के लिए सोने के बंद भाव के साधारण औसत के आधार पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की प्रति यूनिट 6938 रुपये होगा।

2.5% सालाना ब्याज


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड गवर्मेंट सिक्योरिटीज हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक RBI, सरकार की ओर से जारी करता है। ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (HUF), ट्रस्ट्स, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में बॉन्ड होल्डर्स को 2.5 प्रतिशत सालाना का ब्याज भी मिलता है। यह ब्याज इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सेबल होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होता है। कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार मैक्सिमम 4 किलोग्राम मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की मैक्सिमम लिमिट 20 किलोग्राम है।

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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को जॉइंट में या फिर नाबालिग के नाम पर भी खरीद सकते हैं। बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल और लॉक इन पीरियड 5 साल है। बॉन्ड खरीदे जाने के 5 साल पूरे होने के बाद अगले ब्याज भुगतान की तारीख पर इसे प्रीमैच्योरली भुनाने की इजाजत दी जा सकती है। जरूरत पड़ने पर निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर लोन भी ले सकता है।

कम से कम 12% रिटर्न का सरकार का आश्वासन

हाल ही में बाजार में गिरावट और बजट 2024 में सोने पर कस्टम ड्यूटी में 9 प्रतिशत की कटौती के केंद्र के कदम के बाद SGB निवेशकों के बीच कुछ हद तक चिंता देखी गई है। निवेशकों को डर है कि गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश से कम रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ​​ने 30 जुलाई को आश्वासन दिया था कि SGB में कम से कम 12 प्रतिशत रिटर्न मिलेगा।

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