म्यूचुअल फंड्स के कई अकाउंटहोल्डर को दोबारा KYC कराने को कहा गया था। इस बारे में इनवेस्टर्स को ईमेल भेजे गए थे। इसके लिए 1 अप्रैल, 2024 की समसीमा तय थी। इसकी जरूरत केवायसी के लिए ऑफिशियली वैलिड डॉक्युमेंट्स (OVD) लिस्ट में बदलाव की वजह से पड़ी। पहले म्यूचुअल फंड के इनवेस्टमेंट अकाउंट के KYC के लिए बैंक स्टेटमेंट और यूटिलिटी बिल का इस्तेमाल होता था। इन्हें OVD की लिस्ट में शामिल किया गया था। लेकिन, अब इन्हें ओवीडी की लिस्ट से हटा लिया गया है। अब सवाल है कि जिन लोगों ने ऐसे OVD से केवायसी कराया था, जिन्हें अब हटा दिया गया है तो उन्हें अब क्या करना होगा? क्या ऐसे लोग दोबारा KYC ऑनलाइन करा सकते हैं?
कौन कर सकता है ऑनलाइन KYC?
जिन लोगों का आधार उनके पैन के साथ लिंक्ड हैं और जिनका मोबाइल नंबर आधार से लिंक्ड है वो दोबारा केवायसी का प्रोसेस ऑनलाइन कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने म्यूचअल फंड कंपनी के प्लेटफॉर्म पर जाना होगा। आधार के पैन से लिंक्ड होने पर यह प्रोसेस बहुत आसान हो जाता है। आधार के जरिए ऑनलाइन एड्रेस वेरिफिकेशन हो जाता है, जो दोबारा केवायसी के लिए काफी अहम है।
मौजूदा केवायसी में गड़बड़ी होने पर ऑफलाइन अपडेट कराना होगा
अगर आपने अपना आधार कार्ड पैन से लिंक्ड नहीं किया है तो आप ऑनलाइन केवायसी अपडेट नहीं कर सकते। अगर आपके मौजूदा केवासी इंफॉर्मेशन में किसी तरह की गड़बड़ी है या स्पेलिंग गलत है तो आप इसे ऑनलाइन अपडेट नहीं कर सकते। इसके लिए केआरए ऑफिस में आपको जाना होगा। वहां फिजिकल फॉर्म के जरिए इसके लिए अप्लाई करना होगा।
दोबारा केवायसी नहीं कराने पर क्या होगा?
ऐसे इनवेस्टर्स जिनके लिए 1 अप्रैल तक दोबारा केवासी करना जरूरी था, अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो उनका म्यूचु्अल फंड फोलियो फ्रीज हो गया होगा। इसका मतलब है कि ऐसे इनवेस्टर अपनी स्कीम की यूनिट्स को बेच नहीं सकते। वे उसी फोलियो नंबर में टॉप-अप भी नहीं कर सकते। वे एक ही फंड हाउस की स्कीम के बीच स्विच भी नहीं कर सकते। इसलिए ऐसे निवेशक जिनके लिए दोबारा केवायसी करना था, उन्हें ऐसा करने के बाद भी अपने फोलियो की यूनिट्स बेचने की इजाजत मिलेगी।
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