अभी कुछ दिनों पहले एक खबर आई थी कि सरकार ने पॉलिसी में नए बदलाव किए है। और अब 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग इंश्योरेंस ले सकते हैं। लेकिन यह सच्चाई नहीं है। आइए जानते हैं कि बीमा रेगुलेटर इरडा ने जो बदलाव किए हैं उसके क्या मायने हैं। IRDAI (इरडा) के नए नियम 1 अप्रैल, 2024 से लागू हो गए हैं। रेगुलेटर ने हेल्थ पॉलिसी से जुड़ा एक क्लॉज हटा लिया है। इस क्लॉज में कहा गया था कि बीमा कंपनियों को कम से कम 65 साल की उम्र तक के पॉलिसीहोल्डर्स को हेल्थ पॉलिसी ऑफर करना होगा। इस बारे में सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें चल रही है। कहा जा रहा है कि आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों को 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को हेल्थ पॉलिसी बेचने की इजाजत दे दी है। लेकिन, यह सच्चाई नहीं है। आइए जानते हैं पूरा सच।
आईआरडीएआई ने हेल्थ पॉलिसी के लिए जो नए नियम पेश किए हैं, उनमें 65 साल की उम्र वाला क्लॉज हटा लिया है। हेल्थ इंश्योरेंस रेगुलेशंस, 2016 इस साल 31 मार्च तक लागू था। इसमें यह कहा गया था कि बीमा कंपनियों को 65 साल की उम्र तक के पॉलिसीहोल्डर्स को पॉलिसी ऑफर करना होगा। इस क्लॉज को हटा देने का मतलब यह नहीं है कि आईआरडीआईए ने बीमा कंपनियों को 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को हेल्थ पॉलिसी बेचने की इजाजत दे दी है।
ज्यादा उम्र के लोगों को पॉलिसी बेचने पर कभी रोक नहीं थी
इंश्योरेंस कंपनियों के 65 साल से ज्यााद उम्र के व्यक्ति को हेल्थ पॉलिसी बेचने पर कभी रोक नहीं थी। दरअसल, कुछ बीमा कंपनियां अपने कुछ रेगुलर हेल्थ प्लान 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ऑफर करती हैं। कई कंपनियां सीनियर सिटीजंस के लिए खास तरह की पॉलिसी भी ऑफर करती हैं। फर्क यह है कि पहले बीमा कंपनियों को 65 साल की उम्र तक के व्यक्ति के प्रपोजल पर विचार करना अनिवार्य था। कंपनयां उम्र का हवाला देकर किसी प्रपोजल को रिजेक्ट नहीं कर सकती थी।
सभी उम्र के लोगों की पॉलिसी के लिए प्रीमियम चार्ट्स तैयार करेंगी कंपनियां
65 साल के क्लॉज के हट जाने के बाद बीमा कंपनियों को कभी उम्र के लोगों के लिए प्रोडक्ट्स तैयार करने होंगे। सभी उम्र के लोगों के लिए प्रीमियम चार्ट्स तैयार करने होंगे। बीमा कंपनियों के पास पॉलिसी जारी करने का फैसला लेने और प्रीमियम तय करने का अधिकार होगा। आम तौर पर सीनियर सिटीजंस के लिए प्रीमियम बहुत ज्यादा होता है। 65 साल उम्र का क्लॉज हट जाने के बाद भी बीमा कंपनी ऐसे प्रपोजल को रिजेक्ट कर सकती है, जिसकी अंडरराइटिंग से यह संकेत मिलता है कि पॉलिसी इश्यू करना बहुत रिस्की है।
सीनियर सिटीजंस की हेल्थ पॉलिसी के मामले में कोई खास बदलाव नहीं आएगा
IRDAI ने प्री-एग्जिस्टिंग इलनेस की परिभाषा में भी बदलाव किया है। प्री-एग्जिस्टिंग इलनेस के कवर के लिए वेटिंग पीरियड को चार साल से घटाकर 3 साल कर दिया गया है। निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस के डायरेक्टर भवतोष मिश्रा ने कहा, "पहले सभी बीमा कंपनियों के लिए सभी प्रोडक्ट्स में एंट्री एज 65 साल ऑफर करना जरूरी था।" उन्होंने कहा कि जहां तक सीनियर सिटीजंस का संबंध है तो यह बदलाव बड़ा पॉजिटिव नहीं है।
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