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प्रॉपर्टी खरीदे बगैर रियल एस्टेट में कैसे करें निवेश? नियम-शर्तों के साथ समझिए कमाई का हिसाब

Real Estate Investment: अब बिना जमीन या फ्लैट खरीदे भी आप रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं। जानिए क्या होते हैं REITs, कैसे करते हैं कमाई, क्या हैं जोखिम, और सिर्फ ₹10,000 में कैसे पा सकते हैं ग्रेड-A प्रॉपर्टीज में हिस्सा।

अपडेटेड Oct 12, 2025 पर 9:19 PM
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REITs स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं, यानी इन्हें शेयर की तरह कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है।

Real Estate Investment: ज्यादातर भारतीयों के लिए रियल एस्टेट हमेशा से सबसे बड़ा निवेश सपना रहा है। लेकिन सच कहें तो, कोई फ्लैट या ऑफिस स्पेस खरीदना आसान नहीं होता। भारी डाउन पेमेंट, लंबी EMI और ढेर सारा पेपरवर्क झेलना पड़ता है। ऐसे में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) एक समझदारी भरा विकल्प बनकर सामने आए हैं। ये आपको प्रॉपर्टी मार्केट में पैसा लगाने का मौका देते हैं, वो भी बिना किसी जमीन या बिल्डिंग के मालिक बने।

REITs क्या होता है?

REIT को आप एक म्यूचुअल फंड की तरह समझ सकते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि ये स्टॉक्स या बॉन्ड की बजाय, कई निवेशकों का पैसा मिलाकर बड़े कमर्शियल प्रोजेक्ट्स में लगाता है। जैसे कि ऑफिस बिल्डिंग, मॉल, होटल या वेयरहाउस। इनसे जो किराया आता है, वो REIT निवेशकों में डिविडेंड के रूप में बांट दिया जाता है।


REITs की बढ़ती लोकप्रियता

भारत में फिलहाल कुछ ही REITs लिस्टेड हैं। जैसे कि Embassy Office Parks, Mindspace Business Parks और Brookfield India। लेकिन इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। आज जब बड़े शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में REITs छोटे निवेशकों को मौका देते हैं कि वे सिर्फ ₹10,000 से ही शुरुआत कर सकें।

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सबसे अच्छी बात यह है कि ये स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं, यानी इन्हें शेयर की तरह कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है। इस वजह से ये पारंपरिक प्रॉपर्टी निवेश की तुलना में कहीं ज्यादा लिक्विड (आसानी से नकद में बदले जाने वाले) हैं।

REITs से कमाई कैसे होती है?

REITs से कमाई के दो मुख्य तरीके हैं। पहला, रेंटल इनकम से मिलने वाले रेगुलर डिविडेंड्स यानी जो किराया इमारतों से आता है, उसका हिस्सा आपको मिलता है। दूसरा, जब REIT यूनिट्स की कीमत बढ़ती है तो कैपिटल गेन से फायदा होता है।

भारत में लिस्टेड REITs को अपने नेट डिस्ट्रिब्यूटेबल कैश फ्लो का कम से कम 90% हिस्सा निवेशकों में बांटना जरूरी होता है, इसलिए इससे नियमित आय की अच्छी संभावना रहती है।

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REITs में जोखिम क्या हैं?

REITs पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। इनका प्रदर्शन इस बात पर निर्भर करता है कि ऑफिस और रिटेल स्पेस कितनी मात्रा में भरे हैं और किराए की मांग कैसी है। अगर कंपनियां ऑफिस स्पेस घटाती हैं या मॉल्स में लोगों की आवाजाही कम होती है, तो किराए की आय घट सकती है।

चूंकि ये बाजार में ट्रेड होते हैं, इसलिए ब्याज दरों या निवेशकों के मूड में बदलाव के साथ इनकी कीमतें भी ऊपर-नीचे हो सकती हैं।

भारत में REITs में निवेश कैसे करें

REIT में निवेश करना बहुत आसान है। आप NSE या BSE के जरिए सीधे REIT यूनिट्स खरीद सकते हैं, जैसे शेयर खरीदे जाते हैं। या फिर उन म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश कर सकते हैं जो REITs में पैसा लगाती हैं।

इसमें एंट्री कॉस्ट कम होती है, पेपरवर्क लगभग नहीं के बराबर होता है, और आपको एक साथ कई अच्छी प्रॉपर्टीज में निवेश का फायदा मिलता है।

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Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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