REITs और InvITs के निवेशकों को यूनियन बजट 2023 के इस ऐलान से लगा झटका

REITs और InvITs के निवेशकों को अपने इनवेस्टमेंट पर कई तरह से इनकम होती है। अब तक रिपेमेंट ऑफ डेट के रूप में होने वाली इनकम पर टैक्स नहीं लगता था। यूनियन बजट 2023 में इस इनकम पर भी टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। इससे दोनों इंस्ट्रूमेंट में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न घट जाएगा

अपडेटेड Feb 09, 2023 पर 5:31 PM
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अब तक इंटरेस्ट. डिविडेंड और रेंटल इनकम के रूप में होने वाली इनकम पर टैक्स लगता था। लेकिन, रिपेमेंट ऑफ डेट के रूप में होने वाली इनकम पर टैक्स नहीं लगता था।

REITs और InvITs के बारे में यूनियन बजट में एक बड़ा ऐलान किया गया है। REITs और InvITs की तरफ से डिस्ट्रिब्यूट होने वाली टैक्स-फ्री इनकम पर टैक्स लगा दिया गया है। यह नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो जाएगा। ऐसे ट्रस्ट को होने वाली इनकम को इंटरेस्ट, डिविडेंड, रेंटल इनकम और रिपेमेंट ऑफ डेट के रूप में डिस्ट्रिब्यूट किया जाता है। अब तक इंटरेस्ट. डिविडेंड और रेंटल इनकम के रूप में होने वाली इनकम पर टैक्स लगता था। लेकिन, रिपेमेंट ऑफ डेट के रूप में होने वाली इनकम पर टैक्स नहीं लगता था। अब इनवेस्टर को रिपेमेंट ऑफ डेट से होने वाली इनकम पर टैक्स चुकाना होगा। इसे 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' माना जाएगा।

REITs और InvITs के निवेशकों को ऐसे होती है इनकम

इसकी बड़ी वजह REIT या InvIT के स्ट्रक्चर में एक कमी है। रीट या इनविट के तीन स्टेकहोल्डर होते हैं-यूनिट होल्डर्स या इनवेस्टर्स, ट्रस्ट और स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) जिसके जरिए निवेश किया जाता है। इनवेस्टर ट्रस्ट के जरिए यूनिट्स खरीदता है। ट्रस्ट एसपीवी के जरिए इस पैसे को इनवेस्ट करता है। एसपीवी को होने वाली इनकम ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी जाती है। इसे डिविडेंड या इंटरेस्ट के रूप में ट्रांसफर किया जाता है। चूंकि एसपीवी एसपीवी को लोन के रूप में फंड देता है, जिससे इसमें लोन या डेट रिपेमेंट का कंपोनेंट भी होता है। ट्रस्ट को होने वाली 90 फीसदी इनकम को बांट देना पड़ता है। वह यूनिट होल्डर्स को इसे बांट देता है। यूनिट होल्डर्स को कैपिटल या डेट रिपेमेंट के रूप में मिलने वाला अमाउंट अभी टैक्स के दायरे में नहीं आता था। सिर्फ फाइनल सेल पर कैपिटल गेंस पर इक्विटी के टैक्स के नियमों के हिसाब से टैक्स लगता था।


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इनवेस्टमेंट पर यील्ड में आएगी कमी

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेट कैपिटल पर इक्विटी की तरह टैक्स लगाना गलत है। इसका दूसरा यह हो सकता था कि इसकी वैल्यू घटा दी जाती। अब प्रस्तावित टैक्स का मतलब यह है कि REITs और InvITs को ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा। इससे इनवेस्टमेंट पर उनकी यील्ड घट जाएगी। अतिरिक्त टैक्स लगने की वजह से इनवेस्टमेंट पर लॉग टर्म में मिलने वाले रिटर्न पर भी असर पड़ेगा।

निवेशकों पर इस तरह पड़ेगा असर

आइए देखते हैं कि नियम में बदलाव से REITs और InvITs की यील्ड पर कैसे असर पड़ेगा। सभी लिस्टेड ट्रस्ट्स कैपिटल या डेट रिपेमेंट कैटेगरी के तहत इनकम डिस्ट्रिब्यूट नहीं करते हैं। डिस्ट्रिब्यूशन की डिटेल देखने पर पता चलता है कि छह लिस्टेड ट्रस्ट (REITs और InvITs) में से सिर्फ तीन की रिपेमेंट ऑफ कैपिटल में बड़ी हिस्सेदारी है। अतिरिक्त टैक्स के लागू होने पर इन तीनों की यील्ड पर असर पड़ेगा। दूसरों पर चूंकि दूसरों के मामले में उनके इनकम डिस्ट्रिब्यूशन में इस पोर्शन की हिस्सेदारी बहुत कम है जिससे उनकी फाइनल यील्ड पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

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First Published: Feb 09, 2023 5:22 PM

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