ऑनलाइन फूड डिलीवरी की दिग्गज कंपनी Zomato ने एक नई सुविधा शुरू की है, जो लाखों ग्राहकों की पसंद और अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक नया चरण है। कंपनी अब अपने उपयोगकर्ताओं से कस्टमर्स का नाम, पता और फोन नंबर साझा करने की सहमति मांगेगी, ताकि इन्हें सीधे रेस्टोरेंट्स के साथ साझा किया जा सके।
यह फीचर फिलहाल सीमित परीक्षित (पायलट) चरण में है, जिसमें ग्राहकों को पूरी तरह से विकल्प दिया जाएगा कि वे अपनी जानकारी साझा करना चाहते हैं या नहीं। Zomato की इस पहल का उद्देश्य रेस्टोरेंट्स को ग्राहकों की पसंद, खरीद की आदतों और संपर्क विवरण की जानकारी उपलब्ध कराना है ताकि वे बेहतर सेवा और टार्गेटेड ऑफर्स प्रदान कर सकें।
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के साथ बातचीत के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसने लंबे समय से इस डेटा की मांग की थी। पिछले दशक में रेस्टोरेंट्स को ऐसा महसूस होता रहा कि उन्हें आवश्यक ग्राहक डेटा नहीं मिल पाता, जिससे सीधे ग्राहकों से जुड़ने में दिक्कत होती थी। अब इस बदलाव से उन्हें अपने ग्राहकों को बेहतर समझने और उनके साथ मजबूत संबंध बनाने में मदद मिलेगी।
हालांकि, डेटा साझा करने का विकल्प पूरी तरह से सहमति पर आधारित है। केवल तब ही फोन नंबर रेस्टोरेंट्स के साथ साझा किया जाएगा जब ग्राहक इसका स्पष्ट रूप से अनुमोदन करेंगे। इसके अलावा, अन्य कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं की जाएगी, जिससे ग्राहक की गोपनीयता बनी रहेगी।
रेस्टोरेंट्स का मानना है कि इस कदम से वे ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के साथ ही बार-बार आने वाले ग्राहकों के लिए विशेष ऑफर्स और डिस्काउंट भी प्रदान कर सकेंगे। यह सुविधा रेस्टोरेंट्स को मार्केटिंग खर्च को स्मार्ट और प्रभावी तरीके से उपयोग करने का मौका भी देगी।
इस बदलाव से ग्राहकों को अधिक व्यक्तिगत सेवा मिलेगी और रेस्टोरेंट्स को अपनी सेवाओं में सुधार करने का अवसर भी होगा। हालांकि, कुछ यूजर्स और गोपनीयता विशेषज्ञ इस पर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं, ताकि डाटा का दुरुपयोग न हो।
Zomato के फूड डिलीवरी सीईओ आदित्य मंगला ने कहा है कि "यह कोई छुपी या ऑटोमैटिक प्रक्रिया नहीं है और ग्राहक पूरी तरह से तय कर सकते हैं कि वे कब और क्या साझा करना चाहते हैं।"